शहीद भगत सिंह के पुश्तैनी घर को खरीदेगी पाक की संस्था, पढ़ें क्यों

punjabkesari.in Wednesday, Feb 03, 2021 - 12:35 PM (IST)

होशियारपुर(अमरेन्द्र मिश्रा): शहीद भगत सिंह का पाकिस्तान में स्थित जिस घर में जन्म हुआ था और जहां उन्होंने अपना बचपन बिताया, उसे पाकिस्तान सरकार ने हैरीटेज साइट का दर्जा दिया है पर सरकारी अनदेखी से शहीद भगत सिंह मैमोरियल फाऊंडेशन अब उस घर को मैमोरियल बनाने के लिए खरीदना चाहती है। मंगलवार को लाहौर हाईकोर्ट परिसर में शहीद भगत सिंह के पुश्तैनी घर के मालिकाना हक रखने वाले जमात अली विर्क नंबरदार से फाऊंडेशन के चेयरमैन इम्तियाज राशिद कुरैशी ने बातचीत की। लाहौर से फोन पर कुरैशी ने बताया कि उनकी बातचीत सकारात्मक रही और जल्द इस स्थान को खरीदकर मैमोरियल बनाने की योजना शुरू  की जाएगी। गौर हो कि 28 सितम्बर 1907 को पाकिस्तान के फैसलाबाद जिले के जरांवाला तहसील स्थित बंगा गांव (अब भगतपुरा) में वो घर मौजूद है, जहां शहीद भगत सिंह का जन्म हुआ था। भगत सिंह के पूर्वज महाराजा रणजीत सिंह की सेना में थे। पाकिस्तान सरकार ने इसे 2013 में हैरीटेज साइट घोषित कर संरक्षित करने के बाद 2015 में पब्लिक के लिए खोल दिया था। फरवरी 2014 में फैसलाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर ऑफिसर नुरूल अमीन मेंगल ने इसकी मुरम्मत के लिए 5 करोड़ रुपए की रकम दी थी।

आंगन में लगा है 124 साल पुराना आम का पेड़
कुरैशी ने फोन पर बताया कि फाऊंडेशन शहीद भगत सिंह की यादों को पाकिस्तान में संजोने का काम कई सालों से करता आ रहा है। गांव में 23 मार्च को उनके शहादत दिवस पर मेले का भी आयोजन करते हैं। गांव के बड़े बुजुर्गों का कहना है कि भगत सिंह के दादा द्वारा घर के आंगन में लगाया आम का पेड़ करीब 124 साल से आज भी खड़ा है। 

शहीद भगत सिंह को साबित करेंगे निर्दोष
शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश हुकू मत की ओर से दी गई फांसी को मर्डर करार देने के लिए जद्दोहजद कर रहे कुरैशी ने बताया कि शहीद भगत सिंह के केस में तब 450 गवाह थे पर किसी की गवाही सही ढंग से नहीं ली गई। केस के दौरान क्रॉस भी नहीं किया गया, जिसे आधार बनाकर उन्होंने लाहौर हाईकोर्ट में केस दायर किया हुआ है। उन्होंने इस मामले में ब्रिटिश हुकू मत से माफी की मांग भी की हुई है। उन्हें पूरी उम्मीद व विश्वास है कि वे इस केस में शहीद भगत सिंह को निर्दोष साबित करवाने में कामयाब होंगे।

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