रजिस्ट्रियों पर फिर से 1 प्रतिशत सोशल सिक्योरिटी फंड लगाने की तैयारी

punjabkesari.in Tuesday, Feb 11, 2020 - 02:03 PM (IST)

अमृतसर(नीरज): रियल एस्टेट सैक्टर में बूम लाने का वादा करने वाली पंजाब सरकार ने रजिस्ट्री अप्वाइंटमैंट के लिए 500 रुपए फीस लगाने के बाद एक और बोझ डालने की तैयारी कर ली है।

जानकारी के अनुसार राजस्व विभाग एक बार फिर से रजिस्ट्रियों पर 1 प्रतिशत सोशल सिक्योरिटी फंड लगाने की तैयारी कर रहा है जिस पर एक-दो दिन में ऐलान होने वाला है। सोशल सिक्योरिटी फंड लगाए जाने से 10 लाख रुपए तक की रजिस्ट्री पर 10 हजार रुपए की सरकारी फीस की बढ़ौतरी हो जाएगी जबकि 5 लाख रुपए तक की रजिस्ट्री पर 5 हजार रुपए की फीस की बढ़ौतरी हो जाएगी जिससे आम आदमी पर ही बोझ पड़ेगा।
रजिस्ट्री अप्वाइंटमैंट लेने के लिए 5 सौ रुपया फीस लगाए जाने का पहले ही पूरे राज्य में विरोध हो रहा है ऊपर से यदि सोशल सिक्योरिटी फंड लग गया तो सरकार की भारी आलोचना होगी। पूर्व अकाली भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान भी सोशल सिक्योरिटी फंड लगाया गया था लेकिन बाद में इसको बंद कर दिया गया था।

मौजूदा समय में ली जाती है 4 से 6 प्रतिशत अष्टाम फीस
रजिस्ट्री पर लगने वाले अष्टाम व अन्य फीसों की बात करें तो इस समय रजिस्ट्री पर 4 से 6  प्रतिशत अष्टाम फीस लग रही है जिसमें महिलाओं के नाम रजिस्ट्री करने पर 4 प्रतिशत फीस तो पुरुषों के नाम की रजिस्ट्री पर 6 प्रतिशत अष्टाम फीस लगती है। इसके अलावा 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस व 1 प्रतिशत पी.आई.डी.बी. फीस ली जाती है और 2-3 अन्य छोटे खर्चे भी लगाए जाते हैं।

खजाना खाली होने के कारण पैदा हुए हालात
पंजाब सरकार का खजाना खाली होने के कारण सरकार इस प्रकार की फीस लगाने को मजबूर है। हालांकि इसका सीधा असर आम आदमी पर ही पड़ता है और विधान सभा चुनावों के दौरान यह एक बड़ा मुद्दा भी विपक्षी दलों के हाथ लगेगा। क्योंकि कैप्टन सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जनता से वायदा किया था कि प्रापर्टी कारोबार को फिर से शिखर पर लाया जाएगा लेकिन वास्तव में शिखर पर जाने के बजाय पतन की कगार पर प्रापर्टी कारोबार जा रहा है।

कालोनाइजर्स को भी कोई बड़ी राहत नहीं
पंजाब के प्रमुख कोलोनाइजर्स को उम्मीद थी कि पंजाब सरकार रियल एस्टेट सैक्टर को बढ़ावा देने के लिए रजिस्टर्ड कालोनियां बनाने वाले कालोनाइजर्स को कुछ बड़ी राहत देगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है, जबकि रियल एस्टेट सैक्टर एक ऐसा सैक्टर है जिससे कई अन्य कारोबार प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होते हैं। यदि कोई कालोनी बनती है तो इसके साथ ईट बनाने वाले, रेत व बजरी, सीमैंट, पलम्बर, कारपैंटर, बिजली, मार्बल, टाइल्स, सैनेटरी, लकड़ी, राज मिस्त्री, लेबर व अन्य कई कारोबार भी फलते फूलते हैं लेकिन रियल एस्टेट सैक्टर में पतन होने के कारण आज सभी कारोबार मंदे चल रहे हैं।

तत्काल रजिस्ट्री के भी बदल दिए मायने
ऑनलाइन रजिस्ट्री अप्वाइंटमैंट सिस्टम में इससे ज्यादा हास्यास्पद बात और क्या हो सकती है कि राजस्व विभाग ने तत्काल रजिस्ट्री के मायने ही बदल दिए हैं। तत्काल जिसका अर्थ उसी समय होती है लेकिन ऑनलाइन रजिस्ट्री अप्वाइंटमैंट सिस्टम में किसी ने इमरजेंसी में तत्काल रजिस्ट्री करवानी है तो उसको पहले 5 हजार रुपए फीस भरनी पड़ती है और फिर दूसरे दिन सुबह नौ से दस बजे के बीच की अप्वाइंटमेंट मिलती है यानि तत्काल रजिस्ट्री में भी दूसरे दिन रजिस्ट्री होती है।

कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले प्रापर्टी कारोबार में बूम लाने का ऐलान किया था अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी यह ऐलान किया गया था लेकिन रजिस्ट्री अप्वाइंटमैंट पर 5 सौ रुपया फीस लगाकर आम जनता पर बोझ डाला और अब यदि सोशल सिक्योरिटी फंड लगाया जाता है तो इससे जनता का गला घोटने जैसा काम होगा। यही हालात रहे तो वसीका नवीस आने वाले दिनों में सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे।
—नरेश शर्मा ( प्रधान वसीका नवीस यूनियन) अमृतसर।
 


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Edited By

Sunita sarangal

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