सियासी रणनीति फिर से तय करने के हक में पार्टी के कई नेता, अकाली दल पर बढ़ा गठबंधन तोड़ने का दबाब

punjabkesari.in Saturday, Sep 19, 2020 - 12:47 PM (IST)

जालंधर(विशेष): कृषि विधेयकों के मामले पर हरसिमरत कौर बादल द्वारा केंद्रीय कैबिनेट से दिए गए इस्तीफे के बाद अकाली दल के अगले कदम पर सभी राजनीतिक माहिरों की नजरें टिकें हुई हैं। अकाली दल के अंदर ही इस मुद्दे को लेकर अब  भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने का दबाव बढ़ता जा रहा है। हरसिमरत के इस्तीफे के बाद कई अकाली नेता अब खुलकर मीडिया में भी इस पर अपनी राय रख रहे हैं। इससे पहले पिछले दिनों अकाली दल की कोर कमेटी की मीटिंग दौरान हुई पार्टी के सीनियर नेताओं के दबाव में अकाली दल ने इस मुद्दे पर यू टर्न लिया था और बिल का समर्थन करने की जगह विरोध की राजनीति शुरू की।  

भाजपा के साथ मिल कर चुनाव लड़ना नहीं बनता: इयाली
अकाली दल के सीनियर नेता मनप्रीत सिंह इयाली ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रालय से हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे के बाद अब पार्टी का भाजपा के साथ मिल कर चुनाव लड़ना बनता नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी का काडर यह चाहता है कि अकाली दल राज्य में भाजपा  के साथ  गठबंधन तोड़ने का फैसला ले। इयाली ने कहा कि इस मुद्दे पर किसानों में भारी नाराजगी है और अकाली दल किसानों की ही पार्टी है। लिहाज़ा पार्टी को मज़बूती के साथ किसानों के पक्ष में खड़े होना  चाहिए और यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि अकाली दल अभी भी उस पार्टी के साथ है, जिसने केंद्र में किसान विरोधी कानून के पास किया है।

अकाली दल के लिए किसान जरूरी, गठजोड नहीं: वलटोहा
अकाली दल के एक और सीनियर नेता विरसा सिंह वलटोहा ने भी हरसिमरत कौर बादल के केंद्रीय कैबिनेट  से इस्तीफे के लिए भाजपा को ही जिम्मेदार ठहराया है। वलटोहा ने कहा कि इस मुद्दे पर अकाली दल ने बहुत बार भाजपा को किसानों की भावनाओं के बारे अवगत करवाया परंतु भाजपा ने उनकी बात नहीं सुनी। वलटोहा ने कहा कि अकाली दल के लिए गठबंधन ज्यादा जरूरी नहीं है बल्कि किसानों के हित ज़रूरी हैं और अकाली दल की अगली मीटिंग के दौरान गठबंधन में रहने या न रहने बारे फैसला किया जाएगा।

हरसिमरत का किसानों के पक्ष में इस्तीफा मान वाली बात: रुमाणा
यूथ अकाली दल के प्रधान परमबंस सिंह रुमाना ने हरसिमरत कौर बादल द्वारा केंद्रीय मंत्रालय में से इस्तीफा दिए जाने को अकाली दल के लिए गर्व  वाला फैसला बताया है। रुमाना ने कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी जो भी फैसला लेगी, अकाली दल का यूथ भी उस फैसले के साथ होगा और पार्टी के स्टैंड को लेकर लोगों में जाएगा। हालांकि भाजपा के साथ संबंधों के मामले पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कि वह इस मामले पर अपनी राय पार्टी फोरम  में रखेंगे। उन्होंने कहा कि अकाली दल का इतिहास किसानी वाला  रहा है और पार्टी इस मुद्दे पर किसानों की आवाज़  बुलंद करती रहेगी।

 


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