तड़पती रही गर्भवती, परिजन करते रहे मिन्नतें, डाक्टर को नहीं आया तरस

punjabkesari.in Thursday, Apr 26, 2018 - 02:04 PM (IST)

अमृतसर(दलजीत): बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल में एक गर्भवती इलाज के लिए 10 घंटे तड़पती रही, परन्तु किसी भी डाक्टर ने उसकी हालत पर तरस खाकर उसे दाखिल नहीं किया। डाक्टर मरीज का इलाज करने की बजाय एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालते पल्ला झाड़ते रहे।

 

जानकारी के अनुसार हरप्रीत कौर पत्नी बूटा सिंह निवासी ठठ्ठिया सरकारी अस्पताल मानावाला में अपने गर्भ में पल रहे बच्चे का इलाज करवा रही थी। मानांवाला अस्पताल के डाक्टर द्वारा हरप्रीत कौर को गर्भ में बच्चे का पानी कम होने के कारण उसे बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल में रैफर किया गया। हरप्रीत कौर के परिवारिक मैंबर उसे लेकर सुबह 10 बजे अस्पताल में पहुंच गए, परन्तु शाम 7 बजे तक उसे दाखिल नहीं किया गया।

 

मरीज के साथ आए समाज सेवक जय गोपाल लाली और रजिन्द्र शर्मा राजू ने कहा कि डाक्टरों को मरीज की हालत खराब होने का हवाला देकर दाखिल करवाने के लिए कई मिन्नतें की गई, परन्तु किसी भी डाक्टर ने मरीज की हालत पर तरस नहीं किया। गौर रहे कि पंजाब सरकार यूं तो सरकारी अस्पताल में जच्चा-बच्चा की सुरक्षित और इलाज के लिए कई दावे करके करोड़ों रुपए खर्चती है, परन्तु अफसोस है कि उक्त मरीज को सुविधा नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि मैडीकल कालेज के प्रिंसीपल डा. सुजाता उक्त अस्पताल के इंचार्ज भी हैं, परन्तु वह भी यहां मरीजों के हो रहे शोषण को रोकने के लिए गंभीर होते दिखाई नहीं दे रहे हैं।

डा. सुजाता ने नहीं उठाया फोन
इस संबंधी जब मैडीकल कालेज की प्रिंसीपल डा. सुजाता के साथ फोन पर सम्पर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।

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