ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से पेट्रोल-डीजल की किल्लत, जरूरी चीजों के बढ़ने लगे दाम

punjabkesari.in Tuesday, Jan 02, 2024 - 03:04 PM (IST)

नूरपुरबेदी (भंडारी): ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल जारी रहने से हर प्रकार की वस्तुओं की सप्लाई पर असर पड़ना शुरू हो गया है। इसके चलते फलों और सब्जियों के दाम बढ़ने लगे हैं। इसके अलावा उक्त हड़ताल के कारण तेल खत्म होने के डर से पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतार लगने से भीड़ लगनी शुरू हो गई है। तेल का कोटा कम होने के कारण नूरपुरबेदी क्षेत्र के अधिकांश पंपों ने पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति बंद कर दी है। जबकि कुछ पंपों द्वारा मात्र 200 रुपए का तेल ही वाहनों में डाला जा रहा है। उधर लोगों ने उक्त हड़ताल के कई दिनों तक चलने की आशंका को ध्यान में रखते हुए वाहनों की टंकी फुल करवाना शुरू कर दिया है।

ऐसे में तेल की भारी कमी के कारण हालात बिगड़ने लगे हैं। आज पंपों पर ईंधन लेने के लिए खड़े वाहन चालकों को लाइन में करीब 20 से 30 मिनट तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। इस मौके पर पंप मालिकों ने कहा कि लोग जरूरत से ज्यादा तेल डलवा रहे हैं। इसके चलते पेट्रोल पंप ड्राई होने लगे हैं।

इस बीच पंपों पर तेल लेने को लेकर लोग और पंप मालिक आपस में झगड़ते भी दिखे। तेल की खपत अचानक बढ़ने से जरूरतमंद लोग अपने वाहनों में तेल लेने से वंचित हो रहे हैं। जो पंप रोजाना 1 से 2 हजार लीटर तेल बेचते थे, वे अब 3 से 4 हजार लीटर के पार पहुंच गए हैं। कुछ पंप मालिकों के पास केवल 1 से 2 दिन का ही पेट्रोल और डीजल उपलब्ध है। अगर हड़ताल कुछ दिन और इसी तरह जारी रही तो स्थिति और खराब हो सकती है क्योंकि पेट्रोल पंप खाली हो जाएंगे।

दूसरी ओर ट्रक चालकों की हड़ताल के कारण फलों और सब्जियों के अलावा अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ने लगी हैं। दुकानदारों का कहना है कि ट्रकों के नहीं आने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि माल की आवक कम होने और खपत बढ़ने के कारण माल की कीमत में लगातार बढ़ौतरी हो रही है। जबकि ग्राहक उनसे बहस करते हैं। इसलिए अगर सरकार उक्त मामले में कोई जरूरी और तत्काल कदम नहीं उठाती है तो लोगों को बड़ी परेशानी हो सकती है।

3 दिनों से गैस न आने से घरेलू खपतकार प्रभावित, छोटे कारोबारियों का धंधा चौपट

ट्रकों की हड़ताल का असर इस प्रकार शुरू हो गया है कि नूरपुरबेदी क्षेत्र में गत 3 दिनों से घरेलू गैस एल.पी.जी. की सप्लाई ठप्प है। इस संबंध में भारत गैस एजेंसी के मैनेजर जगतार सिंह सोनू ने बताया कि 30 दिसम्बर को आखिरी बार गैस की सप्लाई पहुंची थी। जबकि उसके बाद लगातार आज 3 दिन हो गए हैं और गैस की आपूर्ति हासिल न होने से सैंकड़ों गांवों के घरेलू गैस खपतकार प्रभावित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त कमर्शियल गैस की सप्लाई भी न होने से कई छोटे कारोबारियों के धंधे चौपट होकर रह गए हैं।

ई-वाहन चालकों के चेहरे खिल उठे

वहीं दूसरी ओर बिना तेल के बैटरी से चलने वाले ई-वाहनों के चालकों के चेहरे खिले नजर आए। उनका कहना है कि ऐसे में उन्हें अपनी गाड़ियों में किसी भी तरह का तेल डलवाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि ई-वाहनों के प्रयोग से जहां तेल की बचत होती है वहीं पर्यावरण भी स्वच्छ रहता है।

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News Editor

Kalash