प्रमुख सलाहकार PCA पर थोपा गया, संविधान में ऐसा कोई पद है ही नहीं

punjabkesari.in Friday, Nov 04, 2022 - 10:08 AM (IST)

जालंधर: जब कोई बड़ा और इज्जतदार क्रिकेटर किसी संस्था से जुड़ता है तो एक उम्मीद बनती है कि वह उस क्रिकेट की भलाई के लिए हर जरूरी प्रयास करेगा, जो क्रिकेट की बेहतरी के लिए होगा लेकिन उस समय बहुत दुख होता है जब वह दूसरों को रोकने की बजाय खुद उन्हीं अनैतिक कार्यों में लग जाता है, जिन्हें किसी भी कीमत पर सही नहीं ठहराया जा सकता। क्रिकेटर से राजनेता बने पी.सी.ए. के प्रमुख सलाहकार ने जब से पी.सी.ए. की गतिविधियों में दखलअंदाजी करनी शुरू की है तब से ही पी.सी.ए. एक जंग का अखाड़ा बन चुका है। सलाहकार सलाह देने की बजाय निरंकुश तरीके से हुक्म चलाने का हर तरीका अपना रहा है। यही कारण है कि 'आप' का संरक्षण मिलने के कारण अनैतिक लोग पी.सी.ए. का हिस्सा बने हुए हैं। एक पी.सी.ए. का सट्टेबाज और 2 एपिक्स कौंसिल के सदस्य इस सलाहकार की वजह से ही पी.सी.ए. में स्थापित किए गए हैं जबकि क्रिकेट के क्षेत्र में इनका कोई आधार ही नहीं है।

प्रमुख सलाहकार की कृपा दृष्टि से साहिबजीत सिंह सेंहबी और विक्रम कुमार 2 ऐसे एपिक्स कौंसिल के सदस्य हैं जो मोहल्ला क्रिकेट से आगे ही नहीं बढ़े हैं। क्या यह उन खिलाड़ियों से अन्याय नहीं है जिन्होंने पंजाब क्रिकेट के लिए अपना खून-पसीना बहाने में कोई कोताही नहीं की। साहेबजीत सिंह सलाहकार का सबसे करीबी रिश्तेदार है और विक्रम कुमार उसका बिजनैस पार्टनर है, जो उसकी हर गतिविधियों का राजदार भी है। इतना ईनाम तो इन्हें मिलना ही चाहिए और इन्हें मिल भी गया जबकि किसी भी दृष्टि से यह इन पदों के योग्य नहीं हैं। पी.सी.ए. का यह सलाहकार भी अब रेवड़ी कल्चर का भागीदार बन चुका है। पी.सी.ए. में प्रमुख सलाहकार की नियुक्ति गैर-कानूनी है। पी.सी.ए. के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है कि किसी सलाहकार की नियुक्ति की जाए। तो फिर क्या इन्हें सरकार की तरफ से जबरदस्ती इसलिए थोपा गया है कि रेवड़ियों खाओ भी और बांटों भी केवल अपनों को।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Sunita sarangal

Related News