अभी भी फीस अदा करने के लिए मजबूर कर रहे है प्राईवेट स्कूल, Parents को उठाना पड़ा यह कदम

punjabkesari.in Sunday, Aug 09, 2020 - 01:00 PM (IST)

अमृतसर(दलजीत): स्कूल संचालकों की ओर से कोरोना काल में अभिभावकों पर फीस अदा करने का दबाव बनाने और 10 अगस्त तक फीस जमा न करने की सूरत में विद्यार्थियों को ऑन लाइन न पढ़ाने का अल्टीमेटम देने वाला वक्तव्य निजी स्कूलों के गले की फांस बन गया है। 



अमृतसर पेरैंट्स वैल्फेयर एसोसिएशन ने निजी स्कूलों को चेताया कि किसी स्कूल को मानसिक तौर पर प्रताडि़त किया तो वे इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के साथ जुवीनल एक्ट के तहत पुलिस में शिकायत करेंगे। गौर हो कि बीते दिन निजी स्कूलों की एक संस्था के पदाधिकारी ने वक्तव्य जारी कर कहा था कि निजी स्कूल फीस अदा न करने वाले अभिभावकों के बच्चों को अब ऑन लाइन नहीं पढ़ाएंगे। इस धमकी के बाद पैरेंट्स एसोसिएशन ने गंभीर नोटिस लिया है। उधर, डी.ई.ओ. सतिंद्रबीर सिंह ने कहा कि कोई भी निजी स्कूल विद्यार्थियों का नाम काटने या न पढ़ाने की बात करता है तो इसकी शिकायत उनसे की जाए। कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। 

अमृतसर पैरेंट्स वैल्फेयर एसो. के प्रधान वरुण खन्ना ने बताया कि कोरोना काल में अभिभावकों पर बहुत बड़ा संकट है। उनकी सबसे पहली चिंता अपने बच्चों के पालन पोषण की है। वहीं निजी स्कूल संचालक धमकियां देने पर उतारू हो गए है। उन्होंने बताया कि दो साल पहले राष्ट्रीय बाल सुरक्षा आयोग ने वर्ष 2018 मं एक अध्यादेश जारी कर कहा था कि प्राइवेट स्कूल बचचों को मानसिक रूप से न परेशान करें। आयोग ने स्पष्ट किया था कि फीस प्राइवेट स्कूल और अभिभावकों के बीच का मसला है। इसमें बच्चों को नहीं घसीटना चाहिए। अभिभावकों द्वारा फीस न भरने की वजह से बच्चों का नाम स्कूल से नहीं काटा जाना चाहिए। स्कूल ऐसा करते है तो यह जुवीनल एक्ट की धारा 75 की अवहेलना है। इसमें तीन साल की सजा और एक साल की कैद भी निर्धारित है। यदि कोई स्कूल संचालक ऐसा करता है तो उसके खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दर्ज करवाई जाएगी। 

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