मालेरकोटला में धार्मिक बेअदबी का मामला हल, दुर्घटना से लगी थी आग

punjabkesari.in Monday, May 13, 2019 - 10:11 PM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब पुलिस ने मालेरकोटला में बेअदबी के मामले का भंडाफोड़ करते हुए कहा कि यह एक दुर्घटना से अग्रिकांड हुआ था। ग्रंथी ने अपनी गलती व नौकरी जाने के डर से एक कहानी गढ़ ली थी। पंजाब पुलिस ने चंडीगढ़, लुधियाना तथा संगरूर के अग्रिकांड फॉरैंसिक विशेषज्ञों के प्रयासों तथा मुम्बई के विशेषज्ञ गोपाल रेलकर के निष्कर्षों से इस मामले को रिकार्ड समय में हल कर लिया। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने 3 सदस्यों को बेअदबी के मामले को हल करने के लिए उनके प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह सारा कार्य एस.एस.पी. संगरूर संदीप गर्ग, आई.जी. पटियाला ए.एस. राय ने पंजाब के डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता की निगरानी व जांच में हल किया तथा मौके पर जाकर तथ्यों की जांच करने के बाद सारा मामला निपटा दिया। मुख्यमंत्री ने पुलिस के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य में साम्प्रदायिक तनाव फैलने से रोक लिया। पूर्व अकाली सरकार के समय भी धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामले हुए थे जिन्हें तत्कालीन सरकार समय पर हल नहीं कर सकी। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से 2015 में हुए धार्मिक बेअदबी के मामलों का जिक्र किया। 

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जांच से पता चला है कि हथोआ गांव में गुरुद्वारे के अंदर लगा वॉलफैन अधिक गर्म हो गया था जिससे गुरुद्वारे में पालकी साहिब के पिलर्स पर लग गई, जो बढ़ती बढ़ती श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ तक जा पहुंची थी। ग्रंथी जोगा सिंह ने स्वीकार किया कि उसने भय के कारण एक कहानी बना ली थी। उसे अपनी नौकरी जाने का भय था। ग्रंथी ने जांचकत्र्ताओं को बताया कि उसे यह भी भय था कि गांव वाले उस पर लापरवाही के आरोप लगाएंगे और साथ ही उसकी नौकरी चली जाएगी। परिवार में वह ही एकमात्र आमदनी का स्रोत है। ग्रंथी ने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान के सामने सारी बातें स्वीकार कीं। उन्होंने प्रधान के सामने स्वीकार किया कि उसने ही अस्थायी तौर पर पंखा लगाया था, जिसमें आग लगी। उसने पुलिस को आधे जले हुए कपड़े भी दिखाए और साथ ही पंखे की जली हुई मोटर भी दिखाई, जो उसने गुरुद्वारा काम्पलैक्स में अपने घर में ही छिपाकर रखे हुए थे। 

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