प्राकृतिक आपदा के बावजूद पंजाब में टूटा गेहूं की पैदावार का रिकार्ड

punjabkesari.in Monday, Jun 03, 2019 - 09:23 AM (IST)

गुरदासपुर(हरमनप्रीत): रबी के सीजन में पंजाब के कई जिलों में प्राकृतिक आपदा के बावजूद पंजाब में गेहूं की बंपर पैदावार ने पिछले 20 वर्षों के रिकार्ड तोड़ दिए हैं। इसके चलते पंजाब के खेतीबाड़ी व किसान भलाई विभाग ने बड़ी राहत महसूस की है। इसके तहत न सिर्फ पंजाब के किसानों की आमदन में बढ़ौतरी हुई है, बल्कि पंजाब ने केंद्र सरकार द्वारा गेहूं की पैदावार व खरीद संबंधी दिए गए लक्ष्य के मुकाबले ज्यादा खरीद करने का सम्मान भी हासिल किया है।इस मामले में सबसे बड़ी आश्चर्यजनक बात यह है कि इस बार गेहूं का रकबा भी पिछले साल के मुकाबले कुछ कम था और पंजाब के आधे जिलों में गेहूं की फसल पर मौसम की मार पड़ी थी जिससे झाड़ में कमी होने की आशंंका जताई जा रही थी, इसके बावजूद गेहूं के बढ़े झाड़ ने किसानों को बड़ी राहत दी है। 

130.15 लाख टन गेहूं की खरीद 

इस वर्ष गेहूं की सरकारी खरीद 1 अप्रैल से शुरू हुई थी, जोकि 25 मई तक जारी रही। इसी दौरान पंजाब की मंडियों में 130.15 लाख टन गेहूं की आमद हुई जिसमें 128.5 लाख टन गेहूं की खरीद सरकारी खरीद एजैंसियों ने की, जबकि 1.64 लाख टन प्राइवेट खरीदारों ने खरीदी।

पिछले वर्ष हुई थी 128.57 लाख टन गेहूं की खरीद

पिछले वर्ष पंजाब की मंडियों में 128.57 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी जिसमें से 126.94 लाख टन गेहूं सरकारी खरीद एजैंसियों ने खरीदी थी, जबकि 57 हजार टन गेहूं प्राइवेट एजैंसियों ने खरीदी थी।

केंद्र ने दिया था 125 लाख टन का लक्ष्य

इस साल देश में 357 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसमें से पंजाब को 125 लाख टन का लक्ष्य दिया गया था। इसी तरह हरियाणा को 85 लाख टन, उत्तर प्रदेश को 50 लाख, मध्य प्रदेश को 75 लाख और राजस्थान को 17 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य दिया गया था, मगर पंजाब ने देश की खरीद के मिले कुल 35 फीसदी लक्ष्य की बजाए 36 फीसदी खरीद की है।

कम रकबे में हुई अधिक पैदावार

पंजाब के खेतीबाड़ी व किसान भलाई विभाग के डायरैक्टर डा. सुतंत्र कुमार एरी ने कहा कि फसल की पैदावार बढऩे के मामले में एक और अहम बात यह है कि पिछले साल पंजाब में गेहूं 35.12 लाख हैक्टेयर रकबे में बीजी गई थी, जबकि इस साल यह रकबा 35.02 लाख हैक्टेयर था, जिसमें से पिछले साल के मुकाबले अधिक पैदावार हुई है।

11 जिलों में घटी पैदावार 

डा. एरी ने बताया कि पंजाब में इस बार 11 जिले ऐसे थे, जिनमें गेहूं की पैदावार में 15 फीसदी तक गिरावट आई है, क्योंकि जनवरी, फरवरी और मार्च के दौरान पंजाब के कुछ जिलों में बेमौसमी बारिश ने गेहूं की फसल को काफी नुक्सान पहुंचाया है। इस कारण कई जिलों में गेहूं की फसल काफी प्रभावित हुई थी।

कई कारणों से बढ़ी पैदावार : डा. एरी

कृषि विभाग के डायरैक्टर सुतंत्र कुमार एरी ने कहा कि गेहूं की पैदावार बढऩे के कई कारण हैं। उन्होंने कहा कि माझा और दोआबा के कई जिलों में पैदावार घटी है, जबकि मालवा के जिलों में बढ़ौतरी हुई है। उन्होंने कहा कि इस बार यहां सर्दी का मौसम काफी लंबा चलने से गेहूं की फसल के लिए अनुकूल रहा है। वहीं किसानों को गेहूं की बढिय़ा बीज पनसीड के माध्यम से सबसिडी पर मुहैया करवाया गया था। इसके साथ ही पिछले सीजन में किसानों को खेतों में आग लगाने से रोक कर पराली खेतों में मिक्स करवाई गई थी, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ी थी। उन्होंने कहा कि इस बंपर पैदावार के लिए पंजाब के समस्त किसान, खेती विशेषज्ञ और विभाग की पूरी टीम बधाई की पात्र है।

पिछले वर्षों दौरान केंद्रीय पूल में डाले योगदान का विवरण
 

वर्ष   केंद्रीय पूल में भेजी गेहूं
2013  108 लाख टन
2014   113.8 लाख टन
2015 109.13 लाख टन
2016    106.34 लाख टन 
2017  117 लाख टन
2018 127 लाख टन
2019     130.15 लाख टन

कौन से जिलों में घटी गेहूं की पैदावार

जिला   कितनी फीसदी गिरावट
फतेहगढ़ चूडियां    9 फीसदी
गुरदासपुर      10 फीसदी
होशियारपुर  17 फीसदी
अमृतसर    03 फीसदी 
जालंधर    03 फीसदी 
लुधियाना    08 फीसदी
पठानकोट    15 फीसदी
रोपड़  10 फीसदी
एस.ए.एस. नगर   06 फीसदी
शहीद भगत सिंह नगर     10 फीसदी

 कौन से जिलों में बढ़ी गेहूं की पैदावार

जिला   पैदावार कितनी फीसदी बढ़ी
संगरूर   104 फीसदी
तरनतारन    103 फीसदी
पटियाला    103 फीसदी
मोगा 103 फीसदी
मानसा 109 फीसदी
मुक्तसर  107 फीसदी
फाजिल्का  108 फीसदी
बठिंडा    105 फीसदी
बरनाला  106 फीसदी
फिरोजपुर  107 फीसदी
फरीदकोट    103 फीसदी

 

 
 


    
 
   


 

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