खेती बिलों के खिलाफ किसानों द्वारा रोष प्रदर्शन, पंजाब के 10 शहरों में दिया धरना

punjabkesari.in Thursday, Nov 05, 2020 - 04:12 PM (IST)

जालंधर: केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों और बिजली एक्ट-2020 रद्द करवाने के लिए गत 41 दिनों से संघर्ष कर रहे हैं। रेल रोको आंदोलन के चलते पंजाब में रेल पटरियों को बाधित करने से माल ढुलाई गतिविधियां ठप्प हो गई हैं, जिससे भारतीय रेलवे को भारी नुकसान हुआ है। इसके कारण रेलवे विभाग को 1200 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। 

दूसरी ओर पंजाब के 30 किसान संगठनों की संयुक्त बैठक किसान भवन में हुई। बैठक दौरान संगठनों ने फैसला लिया कि 20 नवम्बर तक केवल मालगाड़ियों को ही यातायात के लिए रास्ता दिया जाएगा जबकि बाकी स्थानों पर चल रहे धरने प्रदर्शन लगातार जारी रहेंगे। जम्हूरी किसान सभा पंजाब के महासचिव कुलवंत सिंह संधू की अध्यक्षता में हुई मीटिंग के बाद किसान नेताओं ने कहा कि रेलवे स्टेशनों, टोल प्लाजाओं, रिलायंस पंपों और भाजपा नेताओं के घरों के आगे चल रहे धरने जारी रहेंगे। इस मीटिंग में यह फैसला लिया गया है कि 20 नवंबर तक मालगाड़ियों को रोका नहीं जाएगा। 

वहीं आज भारत बंद का समर्थन करते हुए किसान संगठनों द्वारा अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर, फाजिल्का, जलालाबाद, मोगा, गुरदासपुर, हरगोबिंदपुर, जालंधर और कपूरथला में दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक धरना प्रदर्शन किया। किसानों का यह रेल रोको आंदोलन 6 नवंबर तक जारी रहेगा। 

तलवंडी भाई, गुरुहरसहाए(गुलाटी, आंवला): खेती आर्डीनैंस के तीन बिलों के विरोध को लेकर किसानों द्वारा पिछले लम्बे समय से प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी कड़ी के अंतर्गत आज चक्का जाम किया गया है। 

इसी के चलते तलवंडी भाई में मोगा-फिरोजपुर और अमृतसर-बठिंडा राष्ट्रीय शाह मार्ग पर किसानों द्वारा रोष प्रदर्शन किया जा रहा है। इस मौके किसान नेता बलजिंदर सिंह बब्बी, फतेह सिंह कोट करोड़ कलां, मघ्घर सिंह, प्रितपाल सिंह वड़िंग आदि किसान मौजूद थे। दूसरी ओर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी और अलग-अलग जत्थेबंदियों द्वारा जोन प्रधान धर्म सिंह सिद्धू के नेतृत्व में फिरोजपुर-फाजिल्का रोड पर धरना लगाकर रोड जाम किया गया है।

टांडा उड़मुड़(वरिन्दर पंडित): किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब द्वारा आज दोपहर 12 बजे देश व्यापक चक्का जाम आंदोलन के अंतर्गत ब्यास दरिया पुल और टांडा श्री हरगोबिन्दपुर रोड जाम कर दिया गया है जो शाम 4 बजे तक चलेगा। राज्य प्रधान सतनाम सिंह पन्नू के दिशा निर्देशों अधीन मीत प्रधान सविन्दर सिंह चूताला और जिला प्रधान कुलदीप सिंह बेगोवाल के नेतृत्व में सैंकड़ों किसानों ने इस रोष प्रदर्शन में शामिल होकर रोड जाम किया है। 

लुधियाना(संजय गर्ग): पंजाब की 30 किसान जत्थेबंदियों ने कृषि बिल रद्द करवाने के लिए कुल हिंद किसान तालमेल संघर्ष कमेटी के बुलावे पर आज राज्य भर में ‘चक्का जाम’ कर दिया है। किसान नेताओं ने कहा कि किसानों द्वारा रेलवे ट्रैक खाली किए जाने के बावजूद केंद्र सरकार ने मालगाड़ियां रोकने का फैसला लेकर पंजाबियों के साथ बदलाखोरी की जो खेल शुरू की है, उसके लिए केंद्र को सबक सिखाया जाएगा।

लुधियाना, खन्ना, दोराहा, समराला आदि अलग-अलग स्थानों पर किसानों के इस चक्का जाम रोष प्रदर्शनों का नेतृत्व करते हुए भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के राष्ट्रीय प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल, भारतीय किसान यूनियन एकता (सिद्धूपुर) के पंजाब प्रधान जगजीत सिंह टुकर, भारतीय किसान यूनियन (लक्खोवाल) के राज्य जनरल सचिव परमिन्दर सिंह पालमाजरा और बी.के.यू. (सिद्धूपुर) के जिला प्रधान बलबीर सिंह खीरनियां ने कहा कि खेती बिलों को लेकर किसान अलग-अलग राज्यों में डेढ़ महीने से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही। उधर समराला के नजदीक लुधियाना-चण्डीगढ़ राष्ट्रीय मार्ग पर घुलाल टोल प्लाजा के आगे सैंकड़ों की संख्या में इकट्ठे हुए किसानों ने हाईवे पर ट्रैफिक जाम कर दिया।

इस मौके बड़ी संख्या में किसान नेताओं द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया जा रहा है और किसानों ने मांग की है कि जब तक इन आर्डिनैंस बिलों को वापस नहीं लिया जाता उनका प्रदर्शन इसी तरह लगातार जारी रहेगा। इन किसान नेताओं ने ऐलान किया कि किसान अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे और आज के देश व्यापक ऐतिहासिक चक्का जाम में पंजाब अहम भूमिका अदा करते हुए केंद्र सरकार की जड़ें हिला देगा। 

Sunita sarangal