एडेड कॉलेज प्रोफेसरों ने 5 सितंबर को मनाया काला दिवस, 2 घंटों तक दिया धरना

punjabkesari.in Wednesday, Sep 06, 2023 - 10:03 AM (IST)

चंडीगढ़: 5 सितंबर 2023 को जिला अध्यक्ष पी.सी.सी.टी.यू., लुधियाना डॉ. चमकौर सिंह ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने शिक्षक दिवस के पवित्र दिन को काला दिवस के रूप में मनाने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि यह कॉलेज प्रोफेसरों के लिए बहुत खुशी की बात थी जब 5 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने छह साल से लंबित 7वें वेतन आयोग को लागू करने की घोषणा की और 29 सितंबर, 2022 को कैबिनेट ने भी अधिसूचित किया और भगवंत मान जी ने कहा था कि 1 अक्टूबर 2022 से इस वेतनमान के अनुसार वेतन मिलना शुरू हो जाएगा। 

उन्होंने भगवंत मान जी से आग्रह किया कि वे शिक्षा मंत्री सरदार हरजोत बैंस जी से जमीनी स्थिति देखने को कहें। पटवारियों की तरह प्रबंधन भी सी.एम. के आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं। भगवंत मान जी, एक साल हो गया, पंजाब में एक भी प्रोफेसर को 7वें स्केल के अनुसार वेतन नहीं मिला है। इसके लिए जितना भ्रष्ट प्रबंधन जिम्मेदार है, उतना ही उच्च शिक्षा विभाग भी जिम्मेदार है, जो फैसले को लागू करने में अप्रभावी साबित हुआ है। इसलिए हरजोत बैंस से अनुरोध है कि उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई करें और सरकारी अनुदान लेने वाले इन कॉलेज प्रबंधनों पर सख्त निर्णय लें।

जिला सचिव डॉ. सुंदर सिंह ने कहा कि 1925 संवर्ग के शिक्षकों को 8 साल बाद भी सरकार या कुछ कॉलेजों के प्रबंधन द्वारा नियमित नहीं किया गया है, जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ उच्च शिक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए, सरकार द्वारा एक साल से लागू किया गया 7वां वेतनमान कॉलेज प्रबंधनों ने अभी तक लागू नहीं किया है, शिक्षक वर्षों से 21600 पर काम कर रहे हैं, मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्रो. रमन शर्मा ने कहा कि आप सरकार और शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस की आंखें खोलने के लिए पंजाब और चंडीगढ़ के एडेड कॉलेज 5 सितंबर 2023 को शिक्षक दिवस पर कॉलेजों में 2 घंटे के लिए धरने पर बैठ रहे हैं। अगर अब भी आप सरकार ने कॉलेजों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया तो एक बार फिर सरकार की नीतियों का पिटारा सड़कों पर खोला जाएगा। प्रोफेसर वरुण ने कहा कि सरकार ने 1925 पदों का अनुदान 95% से घटाकर 75% कर दिया है, जिससे कॉलेजों में कई समस्याएं पैदा हो गई हैं, प्रोफेसरों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है, यहां तक कि दस महीने की देरी भी हो रही है। सरकार को 95 प्रतिशत अनुदान लागू करना चाहिए ताकि उच्च शिक्षा के अनुदानित महाविद्यालयों का अस्तित्व बचाया जा सके।

प्रो. रोहित ने कहा कि अगर आप सरकार वाकई पंजाब की शिक्षा को ऊंचाइयों पर ले जाना चाहती है तो उसे जमीनी स्तर पर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की स्थिति पर गौर करना चाहिए। सहायता प्राप्त कॉलेजों को पुनर्जीवित करने और बेरोजगारी को खत्म करने के लिए योग्य गैर सहायता प्राप्त कर्मचारियों को सहायता प्राप्त कर्मचारियों में परिवर्तित किया जाना चाहिए। अंत में जिला अध्यक्ष डॉ. चमकौर सिंह ने कहा कि उम्मीद है कि भगवंत मान की सरकार जल्द ही कॉलेजों की समस्याओं पर ध्यान देगी और शिक्षकों को सड़कों से क्लास रूम में लौटने के लिए प्रेरित करेंगे।

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Content Writer

Sunita sarangal

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