PSEB का बड़ा फैसला: 8वीं, 10वीं और 12वीं के Exam पैटर्न में बदलाव, Students ध्यान दें!

punjabkesari.in Wednesday, Dec 10, 2025 - 12:46 PM (IST)

लुधियाना (विक्की): पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता को परखने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाया है। बोर्ड ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए 8वीं, 10वीं और 12वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाओं के प्रश्न-पत्रों की संरचना (पैटर्न) में व्यापक और महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं।इस बाबत बोर्ड द्वारा जारी आधिकारिक पत्र में स्पष्ट किया गया है कि इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को रटने की प्रक्रिया से दूर ले जाकर उनकी ‘संकल्पनात्मक समझ’ (कांसेपचुयल अंडरस्टैंडिंग) को मजबूत करना है। बोर्ड ने कोरोना काल से पहले के शैक्षणिक स्तर को पुनः स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।

बोर्ड द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रमुखों को जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि प्रश्न-पत्रों के स्तर में किए गए ये बदलाव शैक्षणिक सत्र 2018-19 (कोरोना काल से पूर्व) के मानकों के अनुरूप हैं। बोर्ड का मानना है कि भविष्य की परीक्षाओं के लिए पुराने और बेहतर स्तर को पुनः लागू करना आवश्यक है। बोर्ड द्वारा निर्देश दिया गया है कि जिले के उन सभी अध्यापकों को सूचित किया जाए जो इन श्रेणियों को पढ़ा रहे हैं ताकि वे बदले हुए पैटर्न के अनुसार ही विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी करवा सकें।

प्रश्न-पत्रों में किए गए 3 प्रमुख बदलाव
- ऑब्जैक्टिव प्रश्नों में कटौती : प्रश्न-पत्रों में अब तक पूछे जाने वाले ऑब्जैक्टिव टाइप (वस्तुनिष्ठ) प्रश्नों की संख्या को 40% से घटाकर 25% कर दिया गया है।
- पाठ के भीतर से पूछे जाएंगे प्रश्न : पहले 100% प्रश्न केवल पाठ्य-पुस्तकों के पीछे दिए गए अभ्यासों (एक्सरसाइजिज) से ही पूछे जाते थे लेकिन अब सत्र 2025-26 से यह अनिवार्य कर दिया गया है कि कम-से-कम 25% प्रश्न पाठ की विषय-वस्तु (चैप्टर कंटैंट) के भीतर से पूछे जाएंगे, जबकि शेष 75% प्रश्न अभ्यासों से होंगे। इससे विद्यार्थियों को पूरा अध्याय गहराई से पढ़ना होगा।
- कठिनाई स्तर में वृद्धि (डिफिकल्टी लेवल) : बोर्ड ने परीक्षाओं का स्तर ऊंचा उठाने के लिए कठिनाई के अनुपात में भी बदलाव किया है। पिछले वर्षों में प्रश्न-पत्र का स्तर 40% औसत से कम (आसान), 40% औसत और 20% औसत से अधिक (कठिन) होता था। अब इसे बदलकर 30% औसत से कम, 40% औसत और 30% औसत से अधिक कर दिया गया है।


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Vatika

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