एसजीपीसी ने सिख उग्रवादी का चित्र स्वर्ण मंदिर संग्रहालय में लगाया
punjabkesari.in Saturday, Oct 15, 2022 - 10:24 PM (IST)

अमृतसर, 15 अक्टूबर (भाषा) शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने स्वर्ण मंदिर में बने केंद्रीय सिख संग्रहालय में शनिवार को सिख उग्रवादी बलविंदर सिंह जटाना का चित्र लगाया।
जटाना ने 1990 में सतलुज-यमुना संपर्क नहर के निर्माण कार्य की निगरानी करने वाले दो सरकारी अधिकारियों की हत्या कर दी थी।
जटाना के चित्र के अलावा शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने गुरु नानक देव के अनुयायी नवाब राय बुलर अहमद भट्टी और एसजीपीसी के पूर्व सदस्यों जत्थेदार जोगिन्दर सिंह पंजरथ और हरिन्दर सिंह रानिया का भी चित्र लगाया।
एसजीपीसी ने एक बयान में कहा कि एसजीपीसी के प्रमुख हरजिन्दर सिंह और स्वर्ण मंदिर के ग्रंथी ज्ञानी राजदीप सिंह ने एक कार्यक्रम में तीनों चित्रों का अनावरण किया।
एसजीपीसी के प्रमुख ने कहा कि संग्रहालय सिख इतिहास का महत्वपूर्ण स्रोत है और जिन लोगों ने समुदाय (सिख) के लिए बलिदान किया है उनके चित्र यहां लगाए गए हैं।
जटाना के संबंध में उन्होंने कहा, ‘‘जल संरक्षा वालों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर सतलुज यमुना संपर्क नहर का घोर विरोध किया था।’’
एसजीपीसी के प्रमुख ने कहा कि नवाब राय बुलर भट्टी गुरु नानक देव के सच्चे अनुयायी थे। अपनी श्रद्धा प्रदर्शित करते हुए उन्होंने पाकिस्तान के लाहौर में स्थित गुरुद्वारा ननकाना साहिब को अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान कर दिया।
राय बुलर के वंशज वीजा नहीं मिलने के कारण इस कार्यक्रम के लिए स्वर्ण मंदिर नहीं आ सके।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
जटाना ने 1990 में सतलुज-यमुना संपर्क नहर के निर्माण कार्य की निगरानी करने वाले दो सरकारी अधिकारियों की हत्या कर दी थी।
जटाना के चित्र के अलावा शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने गुरु नानक देव के अनुयायी नवाब राय बुलर अहमद भट्टी और एसजीपीसी के पूर्व सदस्यों जत्थेदार जोगिन्दर सिंह पंजरथ और हरिन्दर सिंह रानिया का भी चित्र लगाया।
एसजीपीसी ने एक बयान में कहा कि एसजीपीसी के प्रमुख हरजिन्दर सिंह और स्वर्ण मंदिर के ग्रंथी ज्ञानी राजदीप सिंह ने एक कार्यक्रम में तीनों चित्रों का अनावरण किया।
एसजीपीसी के प्रमुख ने कहा कि संग्रहालय सिख इतिहास का महत्वपूर्ण स्रोत है और जिन लोगों ने समुदाय (सिख) के लिए बलिदान किया है उनके चित्र यहां लगाए गए हैं।
जटाना के संबंध में उन्होंने कहा, ‘‘जल संरक्षा वालों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर सतलुज यमुना संपर्क नहर का घोर विरोध किया था।’’
एसजीपीसी के प्रमुख ने कहा कि नवाब राय बुलर भट्टी गुरु नानक देव के सच्चे अनुयायी थे। अपनी श्रद्धा प्रदर्शित करते हुए उन्होंने पाकिस्तान के लाहौर में स्थित गुरुद्वारा ननकाना साहिब को अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान कर दिया।
राय बुलर के वंशज वीजा नहीं मिलने के कारण इस कार्यक्रम के लिए स्वर्ण मंदिर नहीं आ सके।
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