सरकार कोई भी बने, आप तैयार रहें ये सब झेलने के लिए
punjabkesari.in Friday, Jan 21, 2022 - 03:29 PM (IST)

जालंधर(अनिल पाहवा) : पंजाब में विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है और राज्य में 10 मार्च को वो आंकड़ा सामने आ जाएगा, जिससे यह पता लगेगा कि अगले पांच साल राज्य में किसकी सरकार रहेगी। हो सकता है कि पुराने चेहरे ही रिपीट हो जाएं या यह भी हो सकता है कि वे लोग सत्ता में आएं जो पंजाब में कभी अकेले अपने दम पर सत्ता में नहीं रहे हैं, कुछ भी हो सकता है। सरकार बनेगी और कुछ लोगों को दुख तो, कुछ राजनीतिक दलों को खुशी दे जाएगी। लेकिन आम वोटर या पंजाब का आम नागरिक भी उतना ही खुश रह पाएगा, यह बड़ा सवाल है। दरअसल, पंजाब में चुनावों के बाद जो माहौल बनने वाला है, उसकी अभी तक किसी ने कल्पना भी नहीं की है।
पंजाब पर कर्ज का बोझ
पंजाब में चुनावों की घोषणा से पहले तक चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार थी और इस सरकार ने चुनावों की घोषणा से पहले कई तरह के वायदे जनता के साथ किए। वायदों में सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल सहित तमाम राजनीतिक दल कई तरह के लालच लोगों को दे चुके हैं। सत्ता में कोई भी आए, उसे कम से कम अपने किए हुए वायदे तो पूरे करने ही होंगे और दिलचस्प बात है कि पंजाब पर पहले से ही 2.73 लाख करोड़ रुपए के करीब का कर्ज का बोझ है। इससे पहले जब पंजाब में अकाली दल-भाजपा सत्ता छोड़कर गई थी, तब राज्य में 1.82 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बकाया था। हाल ही में राज्य सरकार की तरफ से लोक लुभावना घोषणाओं और नकद वितरण जैसे फैसले लेकर इस कर्ज के बोझ को और बढ़ा दिया गया।
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सरकार को कमाई
पंजाब में सरकार चाहे कोई भी बनाए लेकिन जिस तरह के वायदे यहां के राजनीतिज्ञ कर चुके हैं, उससे पंजाब के खजाने पर बोझ पड़ना तय है। राज्य में सरकार ने अंतिम वर्ष में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए करीब 34000 करोड़ रुपए रखे थे, लेकिन कोरोना के कारण इस राशि में काफी सेंध लगी। राज्य में आय को बढ़ाने के लिए पिछली सरकारों ने कोई खास कोशिशें नहीं की हैं और इसी के चलते राजकोष में होने वाले राजस्व के नुकसान में कोई कमी नहीं आ रही। राज्य में किसानों की कर्ज माफी का 1200 करोड रुपया पहले ही जारी किया जा चुका है। इसके अलावा कई अन्य योजनाएं हैं, जिसमें लाभपात्रियों को दी जाने वाली राशि को बढ़ा दिया गया है। इससे भी पंजाब के खजाने पर बोझ बढ़ा है। मौजूदा सरकार के अंतिम बजट में यह बात सामने निकल आई थी कि राज्य में पैदा होने वाला हर बच्चा 82000 रुपए के अधिक का कर्जदार है।
वायदों का क्या होगा?
पंजाब में सत्ता हासिल करने के लिए राजनीतिक दलों ने कई वायदे किए हैं, जो भी सत्ता में आएगा, उसे वो वायदे पूरे करने ही होंगे और अगर वे वायदे पूरे नहीं होते तो 2 साल बाद आने वाले लोकसभा चुनाव नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। पंजाब में खजाने पर बोझ पड़ना तय है और अगर खजाने का बोझ कम करना है तो आने वाली सरकार को कुछ सख्त फैसले लेने पड़ सकते हैं, जिसका बोझ अंततः आम जनता पर ही होगा।
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तो तैयार रहिए आप
पंजाब में आपके वोट से सरकार तो तय हो सकती है, लेकिन आप पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा, यह बात तय नहीं है। जिस तरह से पंजाब के खजाने पर बोझ है और नई सरकार को जनता से किए वायदे पूरे करने होंगे तो वाजिब है कि बैकडोर से कुछ बोझ जनता पर पड़ सकता है। तो इसलिए वोट देने के बाद यह मत सोचिए कि आपकी जिम्मेदारी खत्म हो गई। आने वाले समय में पंजाब में प्रापर्टी टैक्स, जमीन जायदाद की रजिस्ट्री, सर्विस टैक्स, रोड टैक्स, शराब की कीमत में बढ़ौतरी, बिजली कनैक्शन इत्यादि से शुल्क बढ़ौतरी हो सकती है। क्योंकि सरकार के पास और कोई चारा है ही नहीं तो इसलिए अगर आप जमीन जायदाद की रजिस्ट्री या अन्य काम चुनावों के बाद प्लान कर रहे हैं तो उसे अभी करवा लें।
वित्त वर्ष | कर्ज का बोझ | चुकता किया |
---|---|---|
2015-16 | 128835 | 9782 |
2016-17 | 182526 | 11642 |
2017-18 | 195152 | 15334 |
2018-19 | 211917 | 16306 |
2019-20 | 228906 | 17625 |
2020-21 | 252880 | 18589 |
2021-22 | 273703 | 20316 |
नोट: आंकड़ा करोड़ रुपये में
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