आलू उत्पादकों के मसले को लेकर कांग्रेसी सांसदों ने संसद भवन के बाहर किया प्रदर्शन

punjabkesari.in Saturday, Jan 05, 2019 - 10:45 AM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब से संबंधित कांग्रेसी सांसदों ने आज संसद भवन के बाहर दिल्ली में आलू उत्पादकों के मसलों को लेकर रोष प्रदर्शन करते कहा कि केंद्र सरकार की बेरुखी के कारण किसानों को अपनी फसल निम्र दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ के नेतृत्व में रोष प्रदर्शन करने वाले कांग्रेसी सांसदों में चौधरी संतोख सिंह, रवनीत सिंह बिट्टू तथा गुरजीत सिंह औजला शामिल हुए। 

कांग्रेसी सांसदों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने देश में जब नोटबंदी की थी तो उससे आलू उत्पादक किसानों को 50,000 करोड़ का घाटा सहन करना पड़ा। जाखड़ ने कहा कि मोदी सरकार हर मंच पर किसानों की आमदनी को दोगुना करने की दुहाई देती है परंतु किसानों की दुर्दशा की अनदेखी कर रही है। जाखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पंजाब दौरे पर आए परंतु न तो आम किसानों और न ही आलू उत्पादकों के मसलों को हल करने की तरफ उन्होंने कोई ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि नकदी मुक्त भारत बनाने का स्वप्न लेकर चले प्रधानमंत्री अब देश को किसान मुक्त बनाने के रास्ते पर चल पड़े हैं जोकि देश के भविष्य के लिए एक बड़ी त्रासदी सिद्ध होगी क्योंकि किसानी के बिना कोई भी देश तरक्की नहीं कर सकता है।

जाखड़ ने कहा कि मोदी कल जालंधर भी गए थे जो देशभर में आलू उत्पादन के लिए अग्रणी जिला है परंतु न तो भाजपा और न ही अकाली दल के नेताओं ने आलू उत्पादकों का मामला प्रधानमंत्री के सामने उठाया। उन्होंने कहा कि पंजाब में 98,000 हैक्टेयर जमीन पर आलू की खेती होती है जिसमें आधे से अधिक क्षेत्र में आलू का बीज पैदा किया जाता है। वहीं, कांग्रेसी सांसद चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि आलू को तैयार करने में 6 रुपए प्रति किलो लागत आती है जबकि इस समय बाजार में आलू 2 से 4 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है, जिस कारण किसान को घाटा सहन करना पड़ रहा है।  

बीज पर प्रति क्विंटल 1000 रुपए की सबसिडी मांगी
जाखड़ ने कहा कि आलू की बुवाई करने वाले किसानों को बीज पर प्रति क्विंटल 1000 रुपए की सबसिडी दी जानी चाहिए। भारत सरकार को किसानों की फसल का लाभकारी मूल्य तय करना चाहिए। कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ है और इस मामले को लेकर वह संसद में भी प्रधानमंत्री के सामने आलू उत्पादकों के मसले को रखेगी। 

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