पंजाब फिर आतंक के साए में, मोगा व जालंधर में बम ब्लास्ट की तीव्रता एक जैसी!

punjabkesari.in Wednesday, Sep 26, 2018 - 10:22 PM (IST)

जालंधर(रविंदर): जालंधर की जनता और पुलिस दोनों दहशत में हैं। कारण साफ है कि कमिश्ररेट पुलिस के अधिकारी 13 दिन बीत जाने के बाद भी मकसूदां थाने में बम ब्लास्ट करने वालों का पता नहीं लगा पाए हैं। जिले समेत पंजाब के तमाम उच्चाधिकारी इसे आतंकी घटना नहीं मान रहे हैं, मगर इसी बीच पंजाब के मोगा जिले में बुधवार को हुए बम ब्लास्ट ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। जालंधर के मकसूदां थाने पर हुए बम ब्लास्ट को पुलिस अधिकारियों ने लो तीव्रता माना था। मोगा में हुए बम ब्लास्ट की तीव्रता भी बिल्कुल जालंधर में हुए बम कांड जैसी ही है।

कहीं न कहीं आतंक दोबारा पंजाब में अपनेे पैर जमा रहा है और पुलिस इसे आतंकी घटना न कहकर शायद खुद ही धोखे में रख रही है। जालंधर के बाद जिस तरह से मोगा में बम ब्लास्ट हुआ है, उससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। खास तौर पर जालंधर पुलिस की कारगुजारी को लेकर तो पंजाब सरकार भी सकते में आ गई है। मकसूदां बम ब्लास्ट के बाद तमाम एजैंसियों ने यहां का दौरा किया, जांच की, मगर नतीजा जीरो। हालात ये हैं कि 13 दिन बीत जाने के बाद कमिश्ररेट व देहाती पुलिस यह बताने में भी नाकाम है कि यह बम क्या था और किसने फैंका था। दरअसल मकसूदां थाने पर हुए हमले को पंजाब पुलिस के उच्चाधिकारियों ने कभी गंभीरता से लिया ही नहीं था। सवाल यह खड़ा होता है कि अगर जालंधर में हुए बम ब्लास्ट को लेकर पुलिस तुरंत एक्शन में आ जाती तो आज मोगा में बम ब्लास्ट नहीं होता। पंजाब पुलिस अपनी डफली बजा रही है और देश विरोधी ताकतें लगातार राज्य को कमजोर करने की साजिशों में सफल हो रही हैं। 

13 दिन बीत जाने के बाद भी थाने पर हुए हमले का कोई सुराग न मिलने से शहर की जनता तो खौफ में है ही, साथ ही थानों में काम करने वाले मुलाजिम भी अब खुद को सुरक्षित नहीं मान रहे हैं। पुलिस मुलाजिमों का मानना है कि अगर थानों पर दोबारा कोई बड़ा हमला होता है, तो पुलिस इसका मुकाबला करने में असमर्थ है। वहीं जिस तरह से जालंधर बम ब्लास्ट को लेकर पुलिस पूरी तरह से फेल रही है, उससे हमला करने वालों के हौसले भी बुलंद हुए हैं। 

Vaneet