सुखबीर व मजीठिया को एक-एक लाख के पर्सनल बांड पर मिली बेल

punjabkesari.in Friday, Jul 12, 2019 - 10:07 AM (IST)

चंडीगढ़ (हांडा): शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष व सांसद सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया वीरवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पेश हुए। दोनों ने जस्टिस रंजीत सिंह द्वारा दाखिल क्रिमिनल कम्पलेंट में एक-एक लाख रुपए का बांड भरा और हाईकोर्ट ने उन्हें बेल दे दी। हाईकोर्ट ने इन दोनों को 24 अप्रैल को नोटिस जारी कर हाईकोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे। पहले दोनों 3 बार ट्रायल कोर्ट से अनुपस्थित रहे थे। 

बरगाड़ी बेअदबी मामले में गठित किए गए कमीशन के प्रमुख जस्टिस रंजीत सिंह की क्रिमिनल कम्पलेंट पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया को सम्मन जारी कर कोर्ट में पेश होने को कहा था। जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन के खिलाफ सुखबीर सिंह बादल व बिक्रम सिंह मजीठिया ने 2 बार प्रैस कांफ्रैंस में टिप्पणियां की थीं। उस वक्त जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन का कार्यकाल समाप्त नहीं हुआ था। 

सुनवाई के दौरान जस्टिस रावल ने याचिकाकत्र्ता से कमीशन के गठन के दस्तावेज कोर्ट में जमा करवाने को कहा था ताकि वह देख सकें कि जिस दिन सुखबीर बादल व अन्य ने जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन के खिलाफ टिप्पणी की, क्या कमीशन वर्किंग था और जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन के अध्यक्ष थे। हाईकोर्ट ने जस्टिस रंजीत सिंह की नियुक्ति की अधिसूचना देखने के बाद इस मामले में गंभीर नोटिस लिया।

22 व 23 अगस्त 2018 को की थी प्रैस कांफ्रैंस
सुखबीर सिंह बादल व बिक्रम सिंह मजीठिया ने 22 व 23 अगस्त 2018 को प्रैस कांफ्रैसं कर जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन के खिलाफ व कमीशन के प्रमुख जस्टिस रंजीत सिंह पर कमैंट्स किए थे। कमीशन का गठन 6 माह के लिए किया गया था और 30 अगस्त तक कमीशन अस्तित्व में था। कोर्ट ने कमीशन की नोटीफिकेशन में पाया कि जिस वक्त सुखबीर सिंह बादल व बिक्रम मजीठिया ने बयानबाजी की, उस वक्त कमीशन का कार्यकाल समाप्त नहीं हुआ था। ऐसे में दोनों पर इन्क्वारी ऑफ कमीशन एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है। 

गौरतलब है कि जस्टिस रंजीत सिंह ने हाईकोर्ट को भेजी शिकायत में सुखबीर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा उन पर और उनकी लॉ की डिग्री पर की गई आपत्तियों तथा टिप्पणियों का जिक्र किया है, जो कि प्रैस कांफैं्रस में की गई थीं। इसकी सी.डी. भी याचिका के साथ कोर्ट को दी गई है। इसके अलावा आयोग और उनके खिलाफ विभिन्न समाचार पत्रों तथा टी.वी. चैनलों पर दिए गए इंटरव्यू का भी हवाला शिकायत में दिया गया है। जस्टिस रंजीत सिंह ने क्रिमिनल कम्पलेंट में कहा कि यह सीधे तौर पर कमीशंस ऑफ इन्क्वारी एक्ट की धारा-10 ए का उल्लंघन है। ऐसे में इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की हाईकोर्ट से मांग की थी।


क्रिमिनल कम्पलेंट पर हाईकोर्ट में चल रहा है ट्रायल  
जस्टिस रंजीत सिंह द्वारा दाखिल क्रिमिनल कम्पलेंट पर हाईकोर्ट में ट्रायल चल रहा है। ऐसा बहुत कम मामलों में देखने को मिलता है। ट्रायल के बाद दोषी पाए जाने पर सुखबीर सिंह बादल व बिक्रम मजीठिया को सजा भी हो सकती है। इस मामले में सभी प्रतिवादियों को अपना पक्ष रखने को कहा गया है, जिसकी सुनवाई 21 अगस्त को होगी।

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