पंजाब विधानसभा सत्र, सभी की निगाहें सिद्धू पर

punjabkesari.in Monday, Jul 29, 2019 - 01:25 PM (IST)

चंडीगढ़: राज्य की 15वीं विधानसभा का आठवां सत्र 2 से 6 अगस्त तक आयोजित होने जा रहा है। इस सत्र में भले ही तीन सिटिंग होनी है, लेकिन 2 तिहाई बहुमत वाली कांग्रेस को बैक फायर की चिंता सता रही है। विपक्ष जहां सरकार पर सत्र को लंबा करने का दबाव बना रहा है वहीं कांग्रेस सरकार को विपक्ष से अधिक इसकी चिंता है कि अपने ही विधायक कहीं विपक्ष को मुद्दा न दे दें। खास कर कैबिनेट से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू इस समय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाराज चल रहे हैैं। उन पर सभी की नजरेंं हैैं। यही कारण है कि सत्र से पहले कांग्रेस अपने विधायकों को साधने में जुट गई है। 

बता दें कि 25 जुलाई को स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने अमृतसर के विधायकों के साथ बैठक की थी जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू शामिल नहीं हुए थे। जिससे साफ जाहिर है कि सिद्धू कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। कैबिनेट से इस्तीफे के बाद सिद्धू ने अमृतसर में अपने हलके में सक्रियता बढ़ा दी है। वह लगातार अपने समर्थकों के साथ बैठकें कर रहे हैं। सरकार की चिंता इस बात को लेकर भी है कि सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार करने के बाद कांग्रेस के किसी भी मंत्री या विधायक ने मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत नहीं किया था। वहीं इस्तीफे के बाद से कांग्रेस के एक बड़े वर्ग में खामोशी भी छाई हुई है।

सबकी नजर इस पर भी लगी हुई है कि नवजोत सिद्धू विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेते हैैं या नहीं? कांग्रेस की चिंता यह भी है कि अगर सिद्धू सदन में आते हैं और पहले की तरह ही आक्रामक रुख अपनाते हैं तो सरकार की किरकिरी हो सकती है। सरकार सिद्धू के रुख को भांपने की कोशिश कर रही है। सरकार को यह पता है कि सिद्धू मानसून सत्र में भी सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। उधर, कांग्रेस विधायक डा. राजकुमार वेरका शनिवार को सिद्धू से मिलने पहुंचे थे। यह अलग बात है कि वेरका ने इस मुलाकात को औपचारिक बताया था। 

Vaneet