मंत्रियों बारे फैसला होने के बाद अब विभागों के वितरण को लेकर कैप्टन पर टिकी निगाहें

punjabkesari.in Saturday, Apr 21, 2018 - 11:12 AM (IST)

जालंधर(धवन): दिल्ली में 9 मंत्री बनाने का फैसला हो जाने के बाद सरकारी विभागों पर निगाहें आ टिकी हैं कि किस मंत्री को कौन-सा विभाग दिया जाता है। विभागों का वितरण मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के क्षेत्राधिकार में आता है। सरकारी हलकों ने बताया कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने नए मंत्रियों को दिए जाने वाले विभागों बारे भी अपने स्तर पर फैसला ले लिया है, जिसका ऐलान मंत्रियों को शपथ दिलाने के बाद किया जाएगा। इस समय 40 से अधिक विभाग मुख्यमंत्री के पास हैं। मुख्यमंत्री अपने पास से कई विभाग मंत्रियों के हवाले करेंगे। 

सिंचार्इ का विभाग सबसे महत्वपूर्ण विभाग सिंचार्इ
सरकारी हलकों ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण विभाग सिंचार्इ का है, क्योंकि राज्य में अवैध रूप से चल रही माइनिंग पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की अभी भी जरूरत है। मुख्यमंत्री पहले ही अवैध माइनिंग के खिलाफ स्वयं अभियान चला चुके हैं। यद्यपि प्रत्येक मंत्री की निगाहें सिंचार्इ विभाग पर टिकी रहेंगी परन्तु देखना यह है कि मुख्यमंत्री यह विभाग अब अपने पास ही रखते हैं या फिर किसी अन्य मंत्री के हवाले करते हैं। सिंचार्इ विभाग लेने के लिए कई मंत्री प्रयासरत हैं। मार्च 2017 में जब कैप्टन मंत्रिमंडल बना था तो मुख्यमंत्री ने राणा गुरजीत सिंह को सिंचार्इविभाग सौंपा था। इसी तरह से बिजली विभाग भी फिलहाल मुख्यमंत्री के पास है। कैप्टन द्वारा नया बिजली मंत्री भी बनाए जाने के आसार हैं।  राज्य में नया ट्रांसपोर्ट मंत्री बनाने की भी जरूरत है ताकि ट्रांसपोर्ट सेवाओं में सुधार लाया जा सके।

 

कैप्टन के निकटस्थ विधायकों को दिए जाएंगे महत्वपूर्ण विभाग
एक अन्य महत्वपूर्ण विभाग कराधान का है, जो संभवत: मुख्यमंत्री द्वारा अपने पास ही रखा जाएगा। गृह विभाग भी कैप्टन अपने पास रखेंगे क्योंकि उसके अधीन राज्य की समूची पुलिस फोर्स आती है। कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल की भी चर्चा चल रही है। माना जा रहा है कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा अपने निकटस्थ विधायकों को महत्वपूर्ण विभाग दिए जाएंगे। कैप्टन पहले ही ट्वीट करके सभी 9 सम्भावित मंत्रियों को बधाई दे चुके हैं। वैसे तो अधिकांश विधायक मुख्यमंत्री के निकटस्थ हैं परन्तु फिर भी कैप्टन यह बात अवश्य ध्यान में रखेंगे कि उनके संकटकाल के 10 वर्षों में किस किसने उनका अधिक साथ दिया तथा कौन उनके साथ पूरी तरह से डटा रहा। मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा अपने पास से हटाकर डेढ़ दर्जन से ज्यादा विभाग अन्य मंत्रियों के हवाले कर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंध में अपने विश्वस्त साथियों के साथ चर्चा की गई है कि किस मंत्री को कौन-सा विभाग दिया जाए। शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न होने के तुरन्त बाद सभी की निगाहें विशेष रूप से सरकारी मुलाजिमों व अधिकारियों की विभागों की तरफ आ टिकेंगी।

 

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