पंजाब प्रमुख सचिव ने लुधियाना जेल का किया निरिक्षण

punjabkesari.in Wednesday, Jul 10, 2019 - 07:11 PM (IST)

लुधियाना (स्याल): ताजपुर रोड केन्द्रीय जेल में पंजाब जेल विभाग के प्रमुख सचिव कृपा शंकर सरोज ने निरिक्षण किया। इस अवसर पर जिलाधीश प्रदीप अग्रवाल व अन्य विभागों के प्रमुख अधिकारियों के साथ जेल परिसर में एक बैठक भी की। कृपा शंकर सरोज ने सभी अधिकारियों से कहा कि जेल के अन्दर बंदियों को कुशल कारीगर बनाने और उनके पूर्णवास के लिए प्रयत्न किए जाने चाहिए। तांकि वह जेल से रिहा होने के बाद जिमेवार नागरिक का रोल अदा कर सकें। उन्होने निर्देश दिए कि जेल के अन्दर बंद कैदियों व हवालातियों का 1 सप्ताह के अन्दर सर्वेक्षण करवाया जाए। सर्वेक्षण दौरान बंदियों की रूची को ध्यान में रखते हुए उनकी कुशलता अनुरूप सिखलाई शिक्षा देने के लिए एक नीति तैयार की जाए। इसके अतिरिक्त उन्होने भारत सरकार की सकिल इंडिया नीति को लागु करने के बारे में भी निर्देश दिए। 



प्रमुख सचिव सरोज ने नगर निगम अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जेल में सीवरेज की समस्या की शीघ्र समाधान करवाया जाए। उन्होने कहा कि कैदियों को सजा देने का मकसद सिर्फ सजा देना नहीं लेकिन जेल में रहने के अवधि के दौरान उन्होने सुधार करके एक अच्छा नागरिक बनना भी है। बागबानी अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि वह सस्ती दरों पर सब्जियों के बीज जेल में उपलब्ध करवाएं। तांकि कैदी सब्जी इत्यादी की पैदावार करके खेतीबाड़ी के योग्य हो सकें। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार को कैदी हवालातियों की स्वास्थय सबंधी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए ।



प्रमुख सचिव के समक्ष जेल अधिकारी ने असुविधाओं का खोला पिटारा
जेल के सुपरीडैंट शमशेर सिंह बोपाराए ने कहा कि जेल सुधार के लिए वित्तिय अधिकार दिए जाएं इसके साथ सुरक्षा कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए और जेल कर्मचारियों की खाली भरी पोस्टें भरने का निवेदन भी किया गया। बोपाराए ने कहा कि जेल अस्पताल में कैदी व हवालातियों की संयुक्त संख्या 3200 के लगभग है और जेल में बने अस्तपाल में 50 के लगभग बैड लगे हुए हैं। लेकिन मैडीसन की कमी सदैव खलती रहती है। खरड़ वेयर हाऊस से भी जेल को 10प्रतिशत दवाई ही उपलब्ध होती है। उन्होने कहा जेल अस्पताल के लिए 6 डाक्टर 7 फारमासिस्ट व 1 सफाई कर्मचारी हर समय उपलब्ध रहना जरूरी है। इसके साथ एक एम्बुलैंस भी होनी अवश्यक है। बोपाराए ने कहा कि अगर जेल को पी.ए.पी. आईआरबी के 200 के लगभग कर्मचारी मिलने के साथ बसें भी उपलब्ध हो जाती हैं तो अदालतों के लिए सीधे जेल से बंदी पेशी पर जा सकते हैं। क्योंकि गाड़ियां आने जाने में ही समय अधिक हो जाने पर अधिकांश बंदियों की पेशी भी छूट जाती है। इससे सरकारी खर्चा भी कम होगा। उन्होने कहा कैदी हवालातियों को समय समय पर जेल में योगा, मैडीटेशन आदि की गतिविधियां भी करवाई जाती है और जेल के अन्दर कार्यों के लिए कैदियों की 5 सदस्यीए कमेटियां भी गठित की हुई हैं। उन्होने क हा जेल के 6 वर्ष से पड़े बिल पास ना होने से खजाने से कई लाख की राशि भी अभी आनी बाकी है। इसके साथ उन्होने कहा कि महानगर में बहुत बड़े बड़े उद्योगिक घराने हैं जो जेल में कैदियों के विकास में अपना योगदान भी दे सकते हैं। इसके लिए घरानों के प्रमुखों को प्रेरित करने की अवश्यक्ता है। उन्होने कहा सैंट्रल जेल में भारत विकास परिषद सरबत दा भला चैरीटेबल ट्रस्ट, श्री बाबा जय राम दास चैरीटेबल ट्रस्ट, बहादुर के रोड समय समय पर अपना योगदान प्रदान करती रहती हैं।



अधिकारियों ने भी जेल सुरक्षा प्रति कमियां बताई
जेल के डिप्टी सुपरीडैंट इकबाल सिंह धालीवाल ने कहा कि जेल दीवार के बाहरी रास्ते से जेल के अन्दर नशा वह अन्य प्रकार का वर्जित सामान समय समय पर पैक्टों में गिरता रहता है। इस लिए जेल के 3 ऐकड़ के लगभग कोटमौका की दीवार सिंगल है। जिसको डबल किया जाने की मांग की। ब्रोस्ट ल जेल के डिप्टी सुपरीडैंट जसपाल सिंह खेहरा ने कहा कि जेल में बिजली व डियुडी की छत्त को ऊचांई पर बनवाकर इसकी चौढ़ाई भी बढ़ाई जाए। महिला जेल की सुपरीडैंट दमनजीत कौर ने महिला जेल के लिए एक एमबुलैंस देने की अपील की। जेल डिप्टी सिक्योरिटी सुभाष चन्द्र ने कहा कि जेल के अन्दर एन.बी. बी.के.यू. व ब्लाकों की एक बैरक में कैदी हवालातियों की संख्या 150 के लगभग होती है। लेकिन उनपर कर्मचारी सिर्फ 2 ही तैनात रहते हैं। उन्होने सुझाव देते हुए कहा कि मेजर क्राईम वाले बंदियों के लिए सैंटर व हाईिसक्योरिटी जाने बनाए जाए जबकि अन्य बंदियों के लिए सब जेलें बना कर रखा जाए।

Mohit