मंत्रिमंडल में घिरे सिद्धू, CM बोले-‘जफ्फी’ बर्दाश्त नहीं

punjabkesari.in Wednesday, Aug 22, 2018 - 09:16 AM (IST)

चंडीगढ़/नई दिल्ली (अश्वनी, रमनजीत, वार्ता): पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को ‘जफ्फी’ डालने को लेकर पैदा विवाद स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का पीछा नहीं छोड़ रहा है। 

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में पंजाब सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक दौरान भी सिद्धू साथी मंत्रियों के निशाने पर रहे। सिद्धू को आड़े हाथ लेते हुए मंत्रियों ने कहा कि वह बेशक निजी दौरे पर गए थे लेकिन पाकिस्तान के जनरल बाजवा से गले मिलकर गद्गद् होना सही नहीं था। मुख्यमंत्री ने भी बाजवा को जफ्फी डालने पर आपत्ति जताई और कहा कि यह कृत्य बर्दाश्त योग्य नहीं है। इससे पहले मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में 2 मिनट का मौन रखा। मंत्रिमंडल ने कहा कि अटल जी को योग्य प्रशासक और दूरदर्शी नेता के तौर पर शानदार सेवाओं के लिए देशवासी हमेशा याद रखेंगे। इससे पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रैस कांफ्रैंस कर कहा कि उनकी यह यात्रा राजनीतिक नहीं थी और ऐसा पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी कर चुके हैं।
 
इस्लामाबाद में हुए श्री खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के सेना प्रमुख बाजवा से गले मिलने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ही नहीं बल्कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने भी नाराजगी जताई है। इस प्रकरण को लेकर निशाने पर आए श्री सिद्धू ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह श्री वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के बाद भी शांति प्रयास में श्री वाजपेयी ‘कारवां-ए-अमन’ बस लेकर लाहौर गए थे। 

पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ से मुलाकात की थी। यही नहीं, मोदी ने भी अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को न्यौता भेजा था और बिना किसी निमंत्रण के शरीफ के पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए दोस्ती का पैगाम लेकर अफगानिस्तान से लौटते समय अचानक लाहौर चले गए थे। सिद्धू ने कहा, मेरी पाकिस्तान की संक्षिप्त यात्रा चर्चा में है। मेरी यात्रा किसी भी तरह से राजनीतिक नहीं थी। एक मित्र का स्नेहभरा निमंत्रण मिलने पर मैं वहां गया था। 

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