जेल में बंद सिद्धू, मजीठिया, सिंगला और धर्मसोत के बाद कौन से पूर्व मंत्री बनेंगे नए मेहमान!

punjabkesari.in Monday, Jun 13, 2022 - 08:45 AM (IST)

लुधियाना (शम्मी): पिछले 20 वर्षों से पंजाब की राजनीति दबने-दबाने के दावे करने व रिश्वतखोरी के आरोप लगाकर जेल में डालने की धमकियों के साथ चल रही है। हम अगर नजर डालें तो 2002 से 2007 तक कैप्टन अमरेंद्र सिंह की पहली बार बनी सरकार ने अकाली दल के सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल व सुखबीर बादल पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाकर उन्हें जेल भेज दिया था। उसके बाद 2006 में अकाली दल ने कांग्रेस पर सिटी सैंटर घोटाले के आरोप लगाकर सत्ता में आने पर कैप्टन अमरेंद्र को जेल में डालने के दावे किए थे और चुनाव प्रचार में डटकर इस बात का प्रचार किया लेकिन 2007 में अकाली दल-भाजपा की सरकार बनने पर प्रकाश सिंह बादल व सुखबीर बादल ने सिर्फ भरतइंद्र चहल को ही विभिन्न केसों में फंसाकर खानापूर्ति की और अपनी सरकार का 10 साल का समय कार्रवाई के नाम पर निकाल दिया।

2016 में कैप्टन अमरेंद्र ने अकाली दल-भाजपा पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाकर सत्ता में आने पर जांच करवा दोषियों पर कार्रवाई की बात की लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि 2017 में कैप्टन अमरेंद्र सरकार बनने के बाद अपने महलों में व्यस्त हो गए व उनके मंत्री उनकी सहमति से मनमानियां करने व चहेतों को खुश करने में लगे रहे। कैप्टन की सरकार दौरान अकाली दल-भाजपा नेताओं व विशेषकर आम आदमी पार्टी ने कैप्टन अमरेंद्र तथा उनके सहयोगियों पर रिश्वतखोरी में लिप्त होने के आरोप लगाए लेकिन कांग्रेस की अंदरूनी फूट व खुद तथा बेटे के खिलाफ केंद्रीय एजैंसियों की चल रही जांच से बचने के लिए कैप्टन ने भाजपा के गुणगान का रास्ता चुन लिया। चरणजीत चन्नी बेशक 3 महीने ही मुख्यमंत्री रहे परंतु उन पर भी चेहतों के जरिए निजी पूर्ति के आरोप लगे। आम जनता इन सब दलों कभी कांग्रेस, कभी अकाली-भाजपा की नीतियों व उनके कृत्यों से तंग आ चुकी थी और समझ चुकी थी कि ये सब मिलकर जनता को लूटने में लगे हैं। हर चुनाव में एक-दूसरे के विरुद्ध जांच व एक्शन की बात करके जनता को गुमराह करते हैं।

सत्ता में आने के बाद मिलजुल कर खेल खेलते हैं। उसी आक्रोश को लेकर जनता ने इस बार विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाते हुए भगवंत मान को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपकर पंजाब के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। भगवंत मान ने मुख्यमंत्री बनते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी नीति स्पष्ट करते हुए अपने विधायकों व मंत्रियों को भी चेतावनी दे दी थी। साथ ही विपक्ष को यह संदेश दिया कि वह पहले की सरकारों की तरह नहीं काम करेंगे बल्कि कोई भी शिकायत मिलने पर एक्शन मोड में आएंगे और सरकार के 2 महीने के कार्यकाल में उन्होंने अपनी ही सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को जेल भेज दिया। तभी इशारा हो गया था कि अब अगला निशाना विपक्ष होगा, पूर्व मंत्री होंगे। कुछ दिन पहले कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे साधु सिंह धर्मसोत व उनके साथियों को सलाखों के पीछे भेज दिया गया। उसके बाद कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री आवास पर दिए धरने से मान काफी खफा हुए कि कांग्रेस भ्रष्टाचार में लिप्त नेताओं को बचाने का दबाव बनाती है। अभी चर्चा चल रही है, जैसे ही अगले सप्ताह गर्मी का तापमान बढ़ेगा, वैसे ही एक अन्य पूर्व कांग्रेसी मंत्री जिन्होंने अपने समय में पूरी तरह पावर का इस्तेमाल करते हुए विपक्षियों ही नहीं, अपनी पार्टी के नेताओं पर भी अपना दबाकर जोर चलाया था, उन पर एक्शन होने जा रहा है व उनके चेहते चेयरमैन व अन्य सहयोगी भी सरकार की राडार पर हैं। आने वाले दिनों में पंजाब की जेलों में नवजोत सिद्धू, बिक्रम मजीठिया, विजय सिंगला, साधु सिंह धर्मसोत के बाद कौन से पूर्व मंत्री नए मेहमान बनेंगे यह तो समय ही बताएगा परंतु पूर्व की सरकार में सुख भोगने व मौजूदा सरकार में पहली बार विधायक बनने वाले भी सरकार की राडार पर हैं।सरकार विपक्षियों के साथ-साथ अपने विधायकों को भी सख्त संदेश देने के मूड में है। अगले हफ्ते जनता एक नए एक्शन को देखेगी और उसे लेकर अभी से सुगबुगाहट शुरू हो गई है।


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Vatika

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