पंजाब के किसानों ने बजट के खिलाफ खोला मोर्चा

punjabkesari.in Sunday, Feb 03, 2019 - 09:18 AM (IST)

जालंधर(धवन): केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अपने अंतिम अंतरिम बजट में किसानों को वार्षिक 6,000 रुपए की राशि उनके बैंक खातों में डालने के ऐलान का पंजाब के किसानों ने कड़ा विरोध करना शुरू कर दिया है। किसानों ने इस 6000 की राशि को काफी कम करार दिया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने भी गत दिवस बयान दिया था कि किसानों को मोदी सरकार ने हर महीने मात्र 500 रुपए की सौगात दी है। पंजाब के किसानों ने मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसानों का मानना था कि उन्हें कृषि ऋण माफी के सिवाय कुछ भी स्वीकार्य नहीं। किसानों ने मांग की कि केंद्र ने अपने बजट में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की तरफ ध्यान ही नहीं दिया। 

पंजाब में 10.5 लाख छोटे व सीमांत किसान बसते हैं। उन्हें बजट से मात्र 630 करोड़ का ही लाभ मिलेगा। केंद्रीय बजट में छोटे किसानों को 6000 रुपए वार्षिक के हिसाब से 75000 करोड़ रुपए का पैकेज देने का ऐलान हुआ था। पंजाब के किसानों का कहना है कि आर्थिक संकट में फंसे राज्य के किसानों की मदद के लिए कृषि ऋण माफी का ऐलान केंद्रीय बजट में नहीं किया गया है। 

केंद्रीय बजट को  लेकर पंजाब के कांग्रेसी नेताओं को भाजपा व उनके सहयोगियों के विरुद्ध बोलने का खुला अवसर मिल गया है। किसान भी समझते हैं कि मात्र 500 रुपए प्रति माह की राहत बहुत कम है। किसान संगठनों ने नैशनल सैंपल सर्वे आर्गेनाइजेशन के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा  कि देश में फसलों पर खर्च होने वाली राशि काफी अधिक है जबकि फसलों को बेचने से प्राप्त होने वाली आय काफी कम है।  2008 में केंद्र में तत्कालीन यू.पी.ए. सरकार ने 71,000 करोड़ के किसानों के ऋण माफ किए थे। 

 इससे पंजाब के किसानों को भी काफी लाभ मिला था परन्तु उसके बाद से केंद्र में सत्ता में आई भाजपा सरकार ने कृषि ऋण माफी की तरफ ध्यान नहीं दिया। केवल मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने राज्य के किसानों का 10,000 करोड़ का ऋण माफ करने की पहल की।

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