पंजाब के लोगों को कैप्टन सरकार देने जा रही है एक और झटका

punjabkesari.in Wednesday, Apr 11, 2018 - 09:51 AM (IST)

जालंधर (रविंदर): आर्थिक कंगाली से जूझ रही पंजाब सरकार लगातार प्रदेश की जनता पर बोझ लाद रही है। पहले टैक्सपेयर पर डिवैल्पमैंट टैक्स लगाने का फैसला और अब चुपचाप सरकार ने बिजली खपतकारों पर सरचार्ज लगाकर लोगों को तगड़ा झटका दिया है। यही नहीं बिजली रैगुलेटरी कमीशन ने साल 2018-19 के लिए फिर 10 से 15 प्रतिशत बिजली के रेटों को बढ़ाने की सिफारिश की है। जल्द ही कैप्टन सरकार इस फैसले पर मोहर लगाकर प्रदेश की जनता को खून के आंसू रुलाने जा रही है। 
 

विकास को लेकर तरसी लोगों की आंखें
मार्च, 2017 में कैप्टन सरकार ने प्रदेश की बागडोर संभाली थी। लोगों ने इस उम्मीद से कांग्रेस को वोट दिया था कि उनके बुरे दिन लद जाएंगे और प्रदेश विकास के रास्ते पर दौड़ेगा मगर पिछले एक साल से ऐसा कुछ नजर नहीं आया। न तो जनता को कोई विकास नजर आया और न ही किसी तरह की कोई राहत मिली। विकास को लेकर लोगों की आंखें तरस गईं। सभी नगर निगम कंगाल हो चुके हैं, मुलाजिमों की तनख्वाह देने तक के पैसे निगम के पास नहीं हैं। सरकार की ओर से रोजाना बड़े-बड़े दावे व वायदे किए जा रहे हैं, मगर सब हकीकत से दूर। सत्ता में आते ही पिछले साल कैप्टन सरकार ने बिजली के रेटों में इजाफा कर दिया था और तर्क प्रदेश की कंगाली का दिया था। इसके बाद कैप्टन सरकार का पहला पूर्ण बजट आया तो टैक्सपेयर पर सालाना 2400 रुपए का बोझ डिवैल्पमैंट फंड के नाम पर डाल दिया।

सरचार्ज बढ़ाकर लोगों को  दिया झटका
अब प्रदेश सरकार ने चुपचाप बिजली बिलों पर सरचार्ज बढ़ाकर लोगों को झटका दिया है। आने वाले कुछ दिनों में बिजली के रेटों में फिर प्रदेश सरकार वृद्धि करने जा रही है। लोगों का कहना है कि जनता पर लगातार कैप्टन सरकार टैक्स पर टैक्स थोप रही है। कंगाली के लिए प्रदेश के नेता ही जिम्मेदार हैं। नेताओं को तो हर तरह की सहूलियत उपलब्ध है, मगर जनता पर लगातार टैक्स थोप कर उन्हें परेशान किया जा रहा है। पहले ही प्रदेश की जनता से सरकार बिजली बिलों पर 13 प्रतिशत इलैक्ट्रीसिटी ड्यूटी ले रही है। कुछ देर पहले ही सरकार चुपचाप इसमें 2 प्रतिशत की वृद्धि कर चुकी है। इसके अलावा बिजली खपतकारों से 5 प्रतिशत के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर डिवैल्पमैंट सैस वसूला जा रहा है। राज्य के शहरी लोगों पर 2 प्रतिशत निगम सैस अलग से लगाया जा रहा है। इसके अलावा गौ सैस अलग से बिजली खपतकारों पर थोपा जा रहा है। यानी कुल मिलाकर 20 प्रतिशत से ’यादा टैक्स तो बिजली खपतकार पहले ही रा’य सरकार को दे रहे हैं। अब सरकार ने 5 प्रतिशत और सरचार्ज बढ़ाने का फैसला लिया है। 

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