क्या यू.पी. की तर्ज पर पंजाब में भी 50 की आयु पार करने वाले बाबुओं पर गिरेगी गाज ?

punjabkesari.in Friday, Jul 13, 2018 - 12:32 PM (IST)

जालंधर(अमित): हाल ही में यू.पी. सरकार द्वारा लिए गए एक विवादास्पद फैसले को लेकर प्रदेश के सरकारी तंत्र में भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि क्या यू.पी. की तर्ज पर पंजाब में भी 50 की आयु पार करने वाले बाबुओं पर गाज गिरेगी? 

यू.पी. सरकार के फैसले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार में राजनेताओं के एक वर्ग में यू.पी. सरकार के फैसले को लेकर पिछले कुछ दिनों से चर्चा जारी है जिसमें उक्त कदम की सराहना करते हुए इसे पंजाब में भी लागू करने की हिमायत की जा रही है। हालांकि इसको लेकर आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है और न ही कोई राजनेता खुलकर इस बारे में कुछ कहने को तैयार है, मगर पूरे सरकारी तंत्र में यू.पी. सरकार के फैसले को लेकर चर्चाओं का बाजार जरूर गर्म है। हर किसी का यही मानना है कि यू.पी. सरकार द्वारा लिया गया फैसला अधिक दिनों तक टिकने वाला नहीं है। सरकारी सिस्टम का अहम हिस्सा यानी इसे चलाने वाले लगभग सारे अधिकारी खुद भी इसके खिलाफ ही नजर आ रहे हैं।


क्या है यू.पी. सरकार द्वारा लिया गया विवादास्पद फैसला?
यू.पी. सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लेते हुए आदेश जारी किया है कि अगर 50 साल या उससे अधिक आयु वाला कोई भी सरकारी कर्मचारी (बाबू) अपने काम में लापरवाही बरतता हुआ पाया जाता है या फिर अपनी ड्यूटी करने में असमर्थ दिखता है तो उसे जब्री रिटायर कर दिया जाएगा। यू.पी. सरकार ने अपने सभी विभागों के प्रमुखों को 31 जुलाई, 2018 तक ऐसे सभी बाबुओं की स्क्रीनिंग करके विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। 31 मार्च, 2018 को ऐसे बाबुओं की 50 साल के आयु को मापने के लिए बतौर मापदंड तय किया गया है। 

भ्रष्ट और नॉन-परफार्मैंस वाले अधिकारियों द्वारा स्वै‘िछक रिटायरमैंट लेने के लिए शुरू की गई मुहिम
यू.पी. सरकार द्वारा इस मुहिम को शुरू करने के पीछे जो कारण बताया जा रहा है, वह यह कि भ्रष्ट और नॉन-परफार्मैंस वाले अधिकारी खुद ही अपनी मर्जी से स्वैच्छिक रिटायरमैंट को चुन लें। सरकार ने यह भी साफ किया है कि वह इस मामले में कोई रियायत नहीं बरतेगी और सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी के टाइम का पूरा पाबंद रहना होगा, वर्ना उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

पंजाब में ऐसे आदेश लागू होने की संभावना नाममात्र, फिर भी अधिकारियों में डर  
वैसे यू.पी. सरकार की तर्ज पर इतना कठोर आदेश पंजाब में लागू होने की संभावना नाममात्र ही दिखाई दे रही है। मगर फिर भी मौजूदा समय के अंदर प्रदेश के सरकार तंत्र में शामिल बड़ी गिनती में अधिकारियों व कर्मचारियों के अंदर डर की भावना व्याप्त है। अधिकारियों का मानना है कि अगर इस आदेश को लागू किया जाता है तो यह सरासर कर्मचारियों के हितों के खिलाफ होगा। 

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