दूसरे राज्यों को ‘भांग’ सप्लाई करने की पंजाब सरकार ने दी मंजूरी

punjabkesari.in Tuesday, Apr 03, 2018 - 10:03 AM (IST)

चंडीगढ़ (रमनजीत): भले ही नशे को खत्म करने का ‘प्रण’ लेकर सत्ता में पहुंची कांग्रेस सरकार द्वारा कुछ दिन पूर्व राज्यभर में करीबन साढ़े चार लाख डैपो (ड्रग्स एब्यूज प्रिवैंशन ऑफिसर्स) तैनात करके इसके खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया गया हो लेकिन खुद पंजाब सरकार ही कई देशों और राज्यों में प्रतिबंधित ‘कैनाबिस’ यानी भांग से कमाई करने में लगी है। 


यह सिलसिला हालांकि नया नहीं बल्कि करीबन 30 साल पुराना है, जिसके जरिए राज्य के एकमात्र ठेके से राजस्थान और मध्य प्रदेश को भांग जिसे पंजाब में ‘सुक्खा’ भी कहा जाता है, सप्लाई की जा रही है। पंजाब का यह एकमात्र भांग का ठेका जिला होशियारपुर में है और बाकायदा पंजाब की एक्साइज पॉलिसी के तहत इस ठेके को लेने वाले ठेकेदार को भांग का उत्पादन करने की इजाजत दी जाती है तथा उत्पाद को थोक के भाव बेचने की भी। 


इस बार भी भांग की खेती करने और उसे थोक में बेचने के ठेके की बोली लगी और इसे 3.5 लाख रुपए में सुरजीत कुमार ने हासिल किया। हालांकि यह एकमात्र ऐसा ठेका है, जिसकी बोली साल-दर-साल कम होती जा रही है क्योंकि वर्ष 2013-14 के दौरान होशियारपुर का यह एकमात्र भांग थोक बिक्री का ठेका 8.80 लाख रुपए से भी अधिक बोली पर दिया गया था।  


सूत्रों के मुताबिक पंजाब में होने वाले भांग के उत्पादन को सरकारी तौर पर दिए गए ठेके के जरिए राजस्थान व मध्यप्रदेश में सप्लाई किया जाता है, जहां भांग को सरकारी ठेकों के जरिए प्रचुर मात्रा में आगे बेचा जाता है। कुछेक आयुर्वेद दवा कंपनियों को भी इसकी सप्लाई की जाती है। सरकारी तौर पर ठेकेदार द्वारा किए जाने वाले भांग के उत्पादन के इतर पंजाब में तकरीबन हर सड़क के किनारे भांग के पौधे अक्सर देखने को मिलते हैं और स्थानीय स्तर पर भांग के शौकीनों का काम इसी से चल जाता है।


होशियारपुर स्थित इस अकेले भांग थोक बिक्री ठेके के लिए राज्यभर से 122 आवेदन एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग को प्राप्त हुए थे, जिनमें से 3.5 लाख रुपए बोली लगाने वाले सुरजीत कुमार को ठेका दे दिया गया। सूत्रों के मुताबिक खास बात यह है कि ठेकेदार होशियारपुर जिले ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में भांग की खेती करने को अधिकृत होता है लेकिन अकेले होशियारपुर जिले में ही इतना उत्पादन हो जाता है कि ठेकेदार होशियारपुर में से ही पूरी कटाई नहीं कर पाता।

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