पंजाब सरकार द्वारा राजस्थान फीडर के तमाम 480 करोड़ के टैंडर रद्द

punjabkesari.in Wednesday, Sep 30, 2020 - 10:11 AM (IST)

जालंधर(एन. मोहन): विवादों में घिरे सरहिंद फीडर नहर के तमाम 480 करोड़ रुपए के टैंडरों को रद्द कर दिया गया है। ऐसा टैंडर प्रक्रिया में कम योग्यता वाले ठेकेदार आने से हुआ। पहले करीब एक दर्जन कार्यों को ही रद्द करने का निर्णय हुआ था परंतु सूत्रों ने खुलासा किया कि विभाग के अधिकारियों की बैठक में कहा गया कि यह मामला हिन्द समाचारपत्र समूह में विश्वसनीयता और प्रमुखता से प्रकाशित हो चुका है, इसलिए तमाम टैंडरों को रद्द कर नए सिरे से टैंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस बैठक में कहा गया था कि विवाद का भोग डाला जाना आवश्यक है ताकि अनियमितता और पूल जैसा कोई विवाद ही न रहे।

केवल हिन्द समाचारपत्र समूह ने इन टैंडरों को लेकर खोजपूर्ण समाचार प्रकाशित किए थे, जिसे लेकर विवाद उठा। तभी से ही टैंडरों पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। विभाग की यह दलील थी कि विभाग द्वारा तय नियमों और इस स्तर के कार्यों के लिए केवल पंजाब से ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी ठेकदारों ने ज्यादा रिस्पांस नहीं दिया था, जिस कारण ही मुश्किल से पूरे हुए सभी ठेकेदारों को टैंडर दिए गए। पहले विवादित एक दर्जन कार्यों को रद्द करने का निर्णय हुआ परंतु बाद में किसी अप्रत्याशित स्थिति को देखते हुए सभी 86 कार्यों के 480 करोड़ रुपए की लागत वाले टैंडरों को रद्द करने का निर्णय हुआ। विभाग के अनुसार अब नए टैंडरों की प्रक्रिया एक सप्ताह में शुरू की जाएगी और नवम्बर माह में कार्य शुरू कर दिया जाएगा। 

बैठकों में इस बात पर भी चिंता प्रकट की गई कि पहले से ही करीब 8 वर्ष की देरी से चल रहे इस नहर के निर्माण कार्य में अंतिम 2 वर्ष का कार्य शेष है। ऐसी देरी तो इस प्रोजैक्ट के लिए केंद्र की राशि जारी करने में रुकावट हो सकती है। इसलिए नहर की जिस रीच के लिए टैंडर नहीं आ रहे, उसको अगले वर्ष पर डाला जाए और 86 कार्यों की बजाय 60 कार्यों के टैंडर दिए जाएं। विभाग के सूत्रों ने भी यह पुष्टि की कि कार्यों में किसी प्रकार की देरी न हो, इसके लिए बाकायदा पारदर्शिता के साथ सिस्टम स्थापित किया जाएगा। 

गौरतलब है कि करीब 136 किलोमीटर लम्बी सरहिंद फीडर पंजाब के फरीदकोट, मुक्तसर जिले के 9 लाख एकड़ क्षेत्र को सिंचित करती है। इस नहर में जगह-जगह होने वाली लीकेज मालवा क्षेत्र की लाखों एकड़ भूमि को सेम से नष्ट कर चुकी है। यह नहर 1955 में तैयार हुई थी और इसकी जल क्षमता 5264 क्यूसिक है। वर्ष 2011 में इस नहर की रीलाइनिंग की परियोजना को केंद्र सरकार ने स्वीकृत किया था और वर्ष 2018 में केंद्र सरकार ने इसके लिए 206 करोड़ रुपए स्वीकृत किए, जबकि इस परियोजना पर कुल खर्चा 623 करोड़ रुपए आना है, जिसमें से 55 प्रतिशत राशि पंजाब सरकार ने खर्च करनी है। 

Sunita sarangal