किसानों से धोखा कर रही पंजाब सरकार : श्वेेत मलिक

punjabkesari.in Wednesday, Jun 06, 2018 - 08:30 AM (IST)

चंडीगढ़(ब्यूरो): पंजाब के किसानों की बदहाली के लिए कांग्रेस सरकार कसूरवार है। पंजाब भाजपाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक ने पंजाब सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि किसानों की हालत सुधारने के लिए जिन कदमों की जरूरत होती है उनमें से ज्यादातर राज्य की जिम्मेदारी है, बेशक वह कदम किसानों से संबंधित स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट में हो या किसानों के हित की अन्य योजनाओं में। मौजूदा समय में पंजाब का किसान जिस हालात में पहुंच गया है उसके लिए भी पंजाब सरकार ही जिम्मेदार है, किसानों को 90 हजार करोड़ का कर्जा माफी का वायदा कर सिर्फ कुछ सौ करोड़ की कर्ज माफी भी जरूरतमंद किसानों को नहीं मिली। किसान इतने दबाव में आ गया है कि करीब 500 किसान पिछले 13 महीनों में आत्महत्याएं कर चुके हैं। 

मलिक ने कहा कि स्वामीनाथन रिपोर्ट में किसानों को 4 प्रतिशत ब्याज पर कर्जा मुहैया करवाने की बात कही गई है, सरकार क्यों नहीं को-ऑप्रेटिव बैंक से 4 प्रतिशत ब्याज दर पर कर्जा मुहैया करवाने को कहती। स्वामीनाथन रिपोर्ट में भूमिहीन व बहुत छोटे किसानों को जोतने के लिए सरकारी भूमि देने की सिफारिश है, क्यों नहीं पंजाब सरकार राज्य के अंतर्गत आती सरकारी जमीनों को ऐसे किसानों को देकर उनकी हालत सुधारती। स्वामीनाथन रिपोर्ट में प्रमुखता से कहा गया है कि किसानों को बेहतर सेहत सुविधाएं व स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाए।

पंजाब सरकार ने बेहतर सेहत सुविधाएं तो क्या देनी थीं, आयुष्मान भारत के तहत केन्द्र की मोदी सरकार ने जो मुफ्त बीमा योजना लागू की है उसे भी पंजाब में लागू करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर यह योजना लागू होती तो पंजाब की आधी से अधिक आबादी जिसमें 70 प्रतिशत किसान हैं, को इसका फायदा मिलता। किसानों की सेहत से किया यह खिलवाड़ शायद काफी न था कि पंजाब के किसानों को एक और मार मारते हुए पंजाब सरकार द्वारा गठित पंजाब किसान कमीशन ने किसानों को मिलने वाली मुफ्त बिजली बंद करने की सिफारिश की है। इस कमीशन के चेयरमैन पंजाब कांग्रेस के पंजाब सुनील जाखड़ के भतीजे अजयवीर जाखड़ हैं।

ऐसे में किस मुंह से पंजाब सरकार किसानों के प्रति सहानुभूति के आंसू बहा केन्द्र पर ठीकरा फोड़ रही है जबकि सच बात तो यह है कि केन्द्र ने तो स्वामीनाथन रिपोर्ट से भी आगे जाकर किसानों को उनकी लागत जिसमें परिवार के सभी सदस्यों की लेबर, जमीन के ठेके व मालिकी का किराया व जोत का खर्चा शामिल कर कुल लागत से 50 प्रतिशत ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य देना तय किया है।

Anjna