IAS अधिकारियों के साथ पंजाब सरकार की ‘Cold War’, यूथ कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
punjabkesari.in Thursday, Dec 18, 2025 - 04:24 PM (IST)
चंडीगढ़ : पंजाब यूथ कांग्रेस ने भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा वरिष्ठ IAS अधिकारियों को महीनों तक बिना किसी तैनाती के रखने की कड़ी निंदा की है। यह कदम न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को कमजोर करता है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थागत स्वतंत्रता पर भी सीधा हमला है। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए अंगद दत्ता, सचिव, पंजाब यूथ कांग्रेस ने कहा कि AAP सरकार ने पंजाब के प्रशासन को डर और दबाव के माहौल में धकेल दिया है।
अंगद दत्ता ने कहा कि, “ईमानदार और अनुभवी IAS अधिकारियों को बिना किसी आरोप या जांच के काम से दूर रखना शासन नहीं, बल्कि सजा देने की नीति है। जो अधिकारी राजनीतिक आदेशों पर आंख बंद करके हस्ताक्षर नहीं करते, उन्हें जानबूझकर हाशिए पर डाला जा रहा है।” उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यप्रणाली से पूरे नौकरशाही तंत्र का मनोबल टूट रहा है और प्रशासनिक निर्णय प्रक्रिया ठप हो रही है। “जब अधिकारी डर के माहौल में काम करेंगे, तो फाइलें नहीं चलेंगी और इसका खामियाजा सीधे आम जनता को भुगतना पड़ेगा।
अंगद दत्ता ने आगे कहा कि, ''पंजाब यूथ कांग्रेस ने यह भी याद दिलाया कि पूर्व मुख्य सचिवों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वयं इस प्रथा को वित्तीय रूप से अपव्ययी और शासनिक रूप से नुकसानदायक बताया है। “सरकार एक तरफ पारदर्शिता और ईमानदारी की बात करती है, वहीं दूसरी ओर जनता के पैसे से उन अधिकारियों को वेतन दे रही है, जिन्हें जानबूझकर काम नहीं दिया जा रहा।
अंगद दत्ता ने आरोप लगाया कि AAP सरकार असहमति और स्वतंत्र सोच को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। “यह नौकरशाही को दिया गया एक स्पष्ट संदेश है- या तो पूरी तरह सरकार की लाइन पर चलो, या फिर पेशेवर रूप से अलग-थलग कर दिए जाओ।'' पंजाब यूथ कांग्रेस ने मांग की है कि पंजाब सरकार तुरंत यह स्पष्ट करे कि IAS अधिकारियों को बिना तैनाती क्यों रखा गया है। इस दमनकारी नीति को समाप्त करे और प्रशासनिक संस्थाओं की गरिमा बहाल करे। उन्होंने आगे कहा कि, “पंजाब को सुशासन चाहिए, न कि बदले की राजनीति और रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार।
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