हवा हुए दावे : सुविधाएं न लेने के बयान से पलटे सभी विधायक

punjabkesari.in Saturday, Sep 14, 2019 - 08:58 AM (IST)

जालंधर (नरेन्द्र मोहन): तीन ही दिन में सलाहकार के रूप में मंत्री रैंक प्राप्त करने वाले कांग्रेस के 6 विधायकों का रूप बाहर आने लगा है। राज्य के खजाने पर बोझ न डालने के लिए सुविधाएं न लेने के इन विधायकों के दावे हवा होने लगे हैं, क्योंकि आज सरकार ने इन 6 विधायकों को मंत्री के रूप में मिलते पी.ए. और सचिव और एक-एक क्लर्क की नियुक्तियां कर दी है। इसके साथ ही सरकार ने इन विधायकों को दिए मंत्री पद सुरक्षित रखने के लिए पुरानी फाइलें निकलवानी शुरू कर दी है कि कैसे पूर्व की अकाली सरकार ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के सलाहकार नियुक्त किए थे। 

हालांकि इन 6 विधायकों कुशलदीप सिंह ढिल्लों, अमरेन्द्र सिंह राजा वडिंग, संगत सिंह गिलजियां, कुलजीत सिंह नागरा, इन्द्रबीर सिंह बुलारिया और तरसेम सिंह डी.सी. में से अधिकतर विधायकों ने विवाद होने के बाद ऐसे बयान दिए थे कि वे सलाहकार के रूप में और मंत्री रैंक पर कोई अतिरिक्त सुविधाएं नहीं लेंगे और केवल वही सुविधाएं रखेंगे जो उन्हें विधायक के रूप में मिल रही है। इन 6 विधायकों समेत एक अन्य विधायक राज कुमार वेरका  जिन्हें पहले से ही मंत्री रैंक दिया गया है, को अदालत में चुनौती दी जा चुकी है। शिरोमणि अकाली दल ने भी इन नियुक्तियों के विरुद्ध राज्यपाल को ज्ञापन देकर नियुक्तियां रद्द करने की मांग की थी। 


विभाग ने पी.ए. और सचिव की नियुक्तियां कीं
आज शुक्रवार को पंजाब सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने इन सलाहकार विधायकों को अतिरिक्त सुविधाएं देने के सिलसिले में पी.ए. और सचिव की नियुक्तियां कर दी है। विधायक राजा वङ्क्षडग के साथ सचिव के रूप में कश्मीरी लाल को नियुक्त किया गया है। विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों के साथ निजी सहायक के  रूप में सुखमिन्द्र सिंह, संगत सिंह गिलजियां के साथ निजी सचिव के रूप में जसविन्द्र सिंह, विधायक नागरा के साथ निजी सचिव के रूप में मनजीत कौर, विधायक तरसेम सिंह डी.सी. के साथ निजी सचिव के रूप में सुदेश कुमारी और इन्द्रबीर सिंह बुलारिया के साथ निजी सचिव के रूप में राजेन्द्र कौर को नियुक्त किया गया है। जबकि इनके साथ एक-एक क्लर्क भी नियुक्त किया गया था।


पूर्व अकाली-भाजपा सरकार में बने सलाहकारों की फाइलें खंगालनी शुरू 
इधर, पंजाब सरकार ने पूर्व बादल सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के साथ नियुक्त किए सलाहाकारों की नियुक्ति फाइलें खंगालनी शुरू कर दी हैं कि वे सलाहाकार किस आधार पर नियुक्त किए गए थे। सरकार ने इन 7 विधायकों को दिए कैबिनेट रैंक और एक विधायक को मिले रा’य मंत्री रैंक को बचाने के लिए अदालत में दायर याचिका का जवाब देना है।

 

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