पंजाब सरकार ने की नए Mission की शुरुआत, पंजाबियों से की ये अपील

punjabkesari.in Wednesday, Sep 17, 2025 - 04:39 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए एक नए मिशन की शुरुआत की है। उन्होंने 'मिशन चढ़दी कला' शुरू किया है, जिसका अर्थ है हर कठिन से कठिन समय में भी हौसले के साथ डटे रहना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं पंजाब और पूरे देश के नागरिकों से अपील करता हूं कि जो भी लोग पुनर्वास और पंजाब को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने में योगदान देना चाहते हैं, वे पंजाब का साथ दें और पंजाब को दोबारा पंजाब बनाने में मदद करें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आपके द्वारा दिया गया एक-एक रुपया पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से खर्च किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए लोग http://rangla.punjab.gov.in पर जा सकते हैं। उन्होंने खुलकर लोगों को इस मिशन का हिस्सा बनने के लिए कहा और कहा कि पंजाब हमेशा चढ़दी कला (उन्नति और सकारात्मकता) में रहता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले दिनों पंजाब बहुत ही भयानक दौर से गुजरा है, जिसे आने वाली कई पीढ़ियां भूल नहीं पाएंगी। इस भयानक बाढ़ ने न सिर्फ तबाही मचाई, बल्कि लाखों सपनों को भी बहा ले गई।

कितना हुआ नुकसान
मुख्यमंत्री ने बताया कि बाढ़ के दौरान पंजाब के लगभग 2300 गांव डूब गए, 7 लाख लोग बेघर हो गए और करीब 20 लाख लोग प्रभावित हुए। इसके अलावा 3200 स्कूल खंडहर बन गए, 56 लोगों की जान चली गई, 8500 किलोमीटर सड़कें नष्ट हो गईं, 2500 पुल टूट गए और 1400 क्लीनिक व अन्य सरकारी इमारतें भी खंडहर बन गईं। शुरुआती अनुमान के मुताबिक करीब 13 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जब पानी पूरी तरह उतर जाएगा और जमीनी स्तर पर सर्वे होगा, तो यह नुकसान इससे भी ज्यादा हो सकता है।

पंजाब के लिए मुश्किल इम्तिहान की घड़ी
मान ने कहा कि यह पंजाब के लिए सबसे कठिन मुश्किल की घड़ी है। पंजाब हमेशा संकट के सामने डटकर खड़ा होता है और उससे बाहर निकल आता है। बाढ़ के दौरान युवाओं ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जिंदगियां बचाईं। गुरुद्वारों, मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों के दरवाजे प्रभावित लोगों के लिए खुले रहे। पंजाबी एक परिवार बनकर पीड़ितों के साथ खड़े हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राहत कार्यों से आगे बढ़कर पुनर्निर्माण का समय है। किसानों को फिर से खेती करनी है, बच्चों को स्कूल जाना है और परिवारों को अपने चूल्हे जलाने हैं। इसलिए प्रभावित लोगों को दोबारा खड़ा करना बेहद जरूरी है।


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Vatika

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