लोहे के व्यापार से पंजाब सरकार को एक-तिहाई भी नहीं मिलता रैवेन्यू

punjabkesari.in Monday, Mar 02, 2020 - 12:29 PM (IST)

अमृतसर(इन्द्रजीत): पंजाब सरकार द्वारा टैक्स चोरी रोकने और प्रदेश में रैवेन्यू बढ़ाने के कई प्रयासों के बावजूद समस्या रुकने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश भर में इस समय वार्षिक जी.एस.टी. का रैवेन्यू 13 हजार करोड़ के करीब चल रहा है। इसमें यदि लोहे के व्यापार का आकलन करें तो इसमें सरकार को अभी करीब 1500 से 1700 करोड़ रुपए टैक्स मिलता है, लेकिन जमीनी तौर पर आकलन करें तो इसमें टैक्स की वसूली 5 हजार करोड़ रुपए के करीब वार्षिक होनी चाहिए।

केन्द्र सरकार द्वारा जारी आकड़ों के मुताबिक पंजाब में प्रति व्यक्ति लोहे की खपत 69 किलोग्राम बनती है। पंजाब की जनगणना के मुताबिक 2018 की गणना का ही आकलन किया जाए तो 3 करोड़ 4 लाख की आबादी में यदि 69 किलोग्राम लोहे की खपत की एवरेज ली जाए तो 210 करोड़ किलोग्राम लोहा पंजाब में खप जाता है। लोहे की औसत कीमत यदि 35 रुपए प्रति किलोग्राम गिनी जाए तो प्राथमिक प्रोसैसिंग के बाद लोहे का उत्पाद कोई भी 80 रुपए किलो से कम नहीं मिलता।

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हालांकि इसमें लोहे के कई उपकरण या सामान 200 रुपए किलो से लेकर 4 हजार रुपए किलो तक भी हैं, लेकिन प्राथमिक प्रोसैसिंग को आधार मानकर गिना जाए तो 21 हजार करोड़ रुपए लोहे की कुल सेल बनती है, जिस पर 18 प्रतिशत जी.एस.टी. गिना जाए तो 3 हजार करोड़ से कुछ अधिक सरकार को वार्षिक टैक्स मिलना चाहिए। इसी के साथ पुराने लोहे के स्क्रैप की औसत नए लोहे के साथ 65 प्रतिशत होती है। यदि इसका टैक्स जोड़ दिया जाए तो 5 हजार करोड़ रुपए प्रति वर्ष सरकार को टैक्स मिलना चाहिए।

इस संबंध में जी.एस.टी. के कई उच्चाधिकारियों से सम्पर्क करने पर उन्होंने कहा कि इस समय लोहे के व्यापार से कुल कितना रैवेन्यू मिलता है, इसके आंकड़े नहीं हैं, लेकिन कई प्रदेश स्तरीय उच्चाधिकारियों ने बताया कि लोहे के व्यापार से करीब 1500 करोड़ रुपए रैवेन्यू मिलता है। एक अधिकारी ने तो इससे भी काफी कम रैवेन्यू मिलने का अनुमान बताया।

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राज्य में हैं करीब 200 बड़े उद्योग, व्यापार
एक अधिकारी का तर्क यह भी था कि पूरे पंजाब में जी.एस.टी. की ग्रौस वसूली, जिसमें प्रदेश व केन्द्र का रैवेन्यू शामिल है, मात्र 13 हजार करोड़ रुपए के करीब है और इसके रैवेन्यू के बीच लोहे का पूरा व्यापार शामिल है, वहीं इसके साथ पूरे प्रदेश में आने वाले दो व चार पहिया घरेलू व कर्मिशयल वाहनों के साथ 8 से लेकर 20 पहिया वाहन भी हैं जिन पर करोड़ों रुपए जी.एस.टी. प्रदेश को मिलता है। इसी के साथ प्लास्टिक का पूरा उद्योग, ग्लास, सभी धातुएं पीतल, तांबा, सिल्वर, जिस्ता व टायर-ट्यूब, इलैक्ट्रीकल गुड्स, इलैक्ट्रॉनिक, कपड़ा उद्योग, रैडीमेड, समूह खाद्य पदार्थ करियाना, मुनियारी, हार्डवेयर, दवाइयां, कास्मैटिक, होटलिंग, बिल्डर्स, मोटर पार्ट्स जैसे अति समृद्ध रैवेन्यू देने वाले व्यापार सहित करीब 200 ऐसे बड़े उद्योग, व्यापार हैं जिनसे बेहिसाब सरकार को रैवेन्यू मिल सकता है। यदि अनुमानित तौर पर लोहे का टैक्स जो 5 हजार करोड़ रुपए बनता है, इसमें घटा दिया जाए तो 40 प्रतिशत रैवेन्यू तो लोहे के व्यापार से ही पूरा हो जाता है तो बाकी के समस्त उद्योग व व्यापार में जी.एस.टी. विभाग की वसूली क्या है?

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नई टीम से हैं उम्मीदें
जी.एस.टी. विभाग और सरकार को पंजाब भर में नियुक्त हुए दो नए अधिकारियों की टीमों से काफी उम्मीदें हैं। इनमें नवनियुक्त आई.ए.एस. अधिकारी शौकत अहमद और आई.आर.एस. अधिकारी रवनीत खुराना हैं, जिन्होंने पिछले एक महीने से जिस प्रकार टैक्स माफिया पर शिकंजा कसना शुरू किया है उससे न केवल टैक्स चोरों में हड़कंप मचा हुआ है, बल्कि विभाग के बड़ी संख्या में अधिकारी भी सहमे हुए हैं। इन दिनों जिस प्रकार की योजनाएं अपनाई जा रही हैं उनसे इस वर्ष पंजाब में टैक्स पिछले वर्ष की अपेक्षा कहीं अधिक बढ़ेगा, लेकिन पिछले 3 वर्षों से टैक्स वसूली की स्थिति क्या है यह इंवैस्टीगेशन का विषय है। 


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Edited By

Sunita sarangal

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