पंजाब में अध्यापकों की नई तबादला नीति जारी, 2 साल तक रहना पड़ेगा एक ही स्टेशन पर

punjabkesari.in Tuesday, Jun 25, 2019 - 07:54 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने कहा है कि छात्रों के हितों की रक्षा करने तथा एक पारदर्शी और निष्पक्ष तबादला नीति के माध्यम से कर्मचारियों में नौकरी के प्रति संतुष्टि की भावना को बढ़ाने, अध्यापकों के लिए ऑनलाइन तबादला नीति आधिकारिक तौर पर 25 जून को अधिसूचित की जाएगी। 

तबादला नीति से नॉन टीचिंग स्टाफ को रखा बाहर  

उन्होंने आज यहां पत्रकारों से कहा कि अध्यापकों के तबादलों के लिए यह नीति शैक्षणिक सत्र 2019-20 से लागू होगी। यह नीति सेवानिवृत्त होने के बाद सेवा में विस्तार के बाद सेवा निभा रहे कर्मचारियों को छोड़कर सभी शिक्षण पदों जैसे कि ईटीटी, एचटी, सीएचटी, मास्टर, सीएंडवी, लेक्चरर और वोकेशनल मास्टर्स पर लागू होगी। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार आम तबादले वर्ष में केवल एक बार ही किए जाएंगे। प्रशासनिक अनिवार्यता के मामलों में किसी भी समय तबादलों में बदलाव किया जा सकता है। उनके अनुसार तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने की तारीख से एक महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी होने की शर्त के साथ तबादले किए जा सकते हैं। महिलाओं, विधवाओं, विधुरों, विकलांग व्यक्तियों, गंभीर बीमारियों वाले व्यक्तियों और अच्छा प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों जैसी श्रेणियों का ख्याल रखने के लिए इन श्रेणियों के शिक्षकों द्वारा अधिकतम 50 अंकों का विशेष लाभ उठाया जा सकता है। 

 

एक स्कूल में न्यूनतम कार्यकाल तीन साल का होगा
तबादले की मांग करने के लिए किसी विशेष स्कूल में कार्यकाल की न्यूनतम अवधि दो वर्ष होगी। नवनियुक्त अध्यापकों के लिए किसी एक स्कूल में न्यूनतम कार्यकाल तीन साल होगा। वर्ष के दौरान प्राप्त किए गए तबादलों की मांग करने वाले आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि नीति के अनुसार प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित किए गए शिक्षकों को वापस उसी स्कूल में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा जहां से उन्हें प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित किया गया था। 

 

 

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