कच्चे कर्मचारियों को लेकर पंजाब सरकार का अनोखा फरमान

punjabkesari.in Saturday, Jan 09, 2021 - 06:35 PM (IST)

पटियाला (जोसन): कांग्रेस सरकार ने अनोखा फरमान सुनाते हुए 10-15 सालों से काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों को अब मालवे के जिलों फाजिल्का, फिरोजपुर, मुक्तसर, बठिंडा, मानसा, मोगा से दोआबा और माझे के जिलों तरनतारन, अमृतसर, जालंधर, होशियारपुर, कपूरथला भेजने के आदेश सुना दिए हैं, जिससे पूरी तरह हाहाकार मच चुकी है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को चार साल पूरे होने को आए हैं और सरकार अपने चार साल के अच्छे कामों की प्राप्तियां गिना रही है। मुख्यमंत्री पंजाब द्वारा नए साल पर नई पक्की नौकरियां देने के ऐलान किया गया है लेकिन सच्चाई इससे कई दूर है।

इस मौके नेता विकास कुमार, आशीश जुलाहा, प्रवीन शर्मा, हरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, सरबजीत सिंह टुरना, चमकौर सिंह, दविंदरजीत सिंह, रजिंदर सिंह ने ऐलान किया कि वह 10 जनवरी को अपने बच्चों को साथ लेकर मोती महल की ओर मार्च करेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों के हाथों ही मुख्यमंत्री पंजाब और महारानी प्रनीत कौर को मांग पत्र सौंपा जाएगा। नेताओं ने कहा कि सरकार ने वायदा किया था कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का करेंगे और नई पक्की नौकरियां देंगे लेकिन सच्चाई इसके उलट है, जिसकी ताजा मिसाल सर्व शिक्षा अभियान के तहत 15-15 सालों से काम करते कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के लिए राज्य सरकार मजबूर कर रही है। शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री द्वारा कर्मचारियों को पक्का तो क्या करना था, उलटा कर्मचारियों के वेतन से कटौती की जा रही है और कर्मचारियों की दूर-दूर 200-250 किलोमीटर बदलियां करके नौकरी छोड़ने पर विभाग मजबूर कर रहा है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री पंजाब लगातार अढ़ाई साल से कर्मचारियों को लारे लगा रहे हैं और शिक्षा मंत्री से कई बार मीटिंगें हो चुकी हैं। पिछले दिनों शिक्षा मंत्री के घर पर हुई मीटिंग में शिक्षा मंत्री ने ए.जी. पंजाब का बहाना लगा कर बेवसी जाहिर की और उस वक्त भी नेताओं द्वारा वेतन कटौती और दूर-दूर कर्मचारियों के तबादलों का शिक्षा मंत्री के पास मुद्दा उठाया था, जिस पर शिक्षा मंत्री द्वारा भरोसा दिया था कि इस तरह नहीं होगा लेकिन विभाग द्वारा कर्मचारियों को 200-250 किलोमीटर दूर स्टेशन के दिए हैं, जिस पर कर्मचारी निराश हैं।


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Mohit

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