कोरोना के मृतकों का अंतिम संस्कार करेगा यह शख्स, कई लोग शवों को छूने से कर चुके हैं इनकार

punjabkesari.in Thursday, Apr 09, 2020 - 12:24 PM (IST)

मुल्लांपुर दाखा(कालिया): मैं ईश्वर से अरदास करता हूं कि कोई भी पंजाब का निवासी कोरोना वायरस से न मरे। यदि कहीं अनहोनी होती है तो उसके वारिसों द्वारा उसे कंधा देने या अंतिम संस्कार आदि करने से मना करने पर यह सेवा पंजाब सरकार मुझे दे। मैं अपने कंधों पर मृतक को उठा कर उसका विधि-विधान से अंतिम संस्कार करूंगा। 

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ये शब्द जसवंत सिंह धून्दा ने वायरल वीडियो के जरिए मुख्यमंत्री पंजाब से मांग करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि बहुत दुख हुआ जब पद्मश्री भाई निर्मल सिंह हजूरी रागी श्री दरबार साहिब के संस्कार के लिए कोई भी व्यक्ति आगे नहीं आया। परमात्मा ने मुझे ताकत बख्शी है कि यदि कहीं भी यह अनहोनी होती है तो दास सेवा निभाने के लिए हर वक्त तैयार है। मेरा गांव धून्दा, तहसील खडूर साहिब जिला तरनतारन और मोबाइल नंबर 99152-4024 है।

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बता दें कि कोरोना वायरस के खौफ ने लोगों के जमीर तक को मार डाला है। पंजाब में कोरोना से हुई मौत के बाद कहीं शव को कंधा न देने की शर्मनाक घटना सामने आई तो कहीं बाबा बलदेव सिंह की पहली मौत के बाद उनकी अस्थियों का कोई वारिस सामने ही नहीं आ रहा है। पंजाब के जिला नवांशहर के गांव पठलावा में उनकी मौत के 18 दिन बाद तक श्मशानघाट में पड़ी उनकी अस्थियों को उठाया नहीं गया।इससे पूर्व लुधियाना में महिला की मौत के बाद उसके शव को कोई एंबुलैंस में ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ। इस महिला के शव को मशक्कत के बाद आधी रात 2 बजे जलाया गया।

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इसी तरह श्री हरिमंदिर साहिब के पूर्व हजूरी रागी भाई निर्मल सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर क्षेत्रवासियों द्वारा श्मशानघाट नहीं दिया गया। अमृतसर के शुक्रचक में रात 8 बजे भाई निर्मल सिंह का संस्कार किया गया। इससे पहले मोहाली के गांव नयागांव के बुजुर्ग, जिनकी कोरोना से पी.जी.आई. में मौत हो गई थी, के संस्कार को लेकर कंधा तक नसीब नहीं हुआ। ऐसी कई झकझोर देने वाली घटनाएं देश के कई राज्यों में हो रही हैं जहां कोरोना वायरस के कारण मौत का शिकार होने वालों के परिवारों को अपने प्रियजनों के अंतिम दर्शन तक नहीं करने दिए जा रहे मगर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भारत की शव प्रबंधन की गाइडलाइन्स के अनुसार कुछ नियमों का पालन करते हुए परिवार को मृतक देह के दर्शन करवाए जा सकते हैं। इसके साथ ही अस्थियों से कोरोना होने की संभावना भी नहीं है।
 


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