आटा-दाल स्कीम से उतरेगा अकाली दल का रंग, तिरंगा थीम वाले स्मार्ट कार्ड पर लगेगी कैप्टन की फोटो

punjabkesari.in Tuesday, Jun 05, 2018 - 12:59 PM (IST)

लुधियाना (हितेश): कांग्रेस सरकार ने आटा-दाल स्कीम का पैटर्न बदलने बारे जो योजना बनाई है, उसके तहत नीले कार्ड से अकालियों का रंग उतरने जा रहा है जिसकी जगह लागू होने जा रहे स्मार्ट कार्ड को तिरंगा थीम देने सहित उस पर कैप्टन अमरेंद्र सिंह की फोटो भी लगाई जा रही है।


यहां बताना उचित होगा कि 2002 के विधानसभा चुनाव में अकाली दल ने आटा-दाल स्कीम का मास्टर स्ट्रोक खेला था, जिसे अकालियों के सत्ता में आने की बड़ी वजह भी माना जाता है। हालांकि बाद में अकाली सरकार ने यह योजना सिर्फ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए लागू होने की शर्त लगा दी। लेकिन फिर भी जरूरतमंद लोगों के अलावा सत्ताधारी पार्टी के करीबी काफी अमीर लोग भी इस स्कीम का लाभ लेने में कामयाब हो गए। इस कार्ड पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व फूड सप्लाई मिनिस्टर रहे आदेश प्रताप सिंह कैरो की फोटो लगी हुई है। इसके चलते लोगों का मानना है कि उनको अब भी बादल की वजह से ही 4 रुपए किलो गेहूं मिल रहा है। 

 

यह बात कांग्रेस सरकार को महसूस हुई तो इसे रोकने के नाम पर बनाई गई योजना के तहत पुराने कार्ड की जगह स्मार्ट कार्ड लागू करने का फैसला किया गया है। क्योंकि पुराने कार्ड पर बादल व कैरो की फोटो के अलावा रंग भी अकाली दल से जुड़ा हुआ नीला ही है। इसे बदल कर तिरंगा थीम पर स्मार्ट कार्ड बनाया जा रहा है जिस पर कैप्टन अमरेंद्र सिंह की फोटो लगी होगी।

 

फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आधार के साथ लिंक हुआ डाटा
आटा-दाल स्कीम को लेकर अक्सर चर्चा रहती है कि सही हाथों में जाने की जगह गेहूं का बड़ा हिस्सा डिपो होल्डर या फूड सप्लाई विभाग के अधिकारियों द्वारा हजम किया जा रहा है। ऐसा गेहूं कई बार फ्लोर मिलों से बरामद भी हो चुका है। इसके मद्देनजर सरकार ने आटा दाल स्कीम के सारे कार्डों का डाटा आधार के साथ लिंक कर दिया है। इससे असली कार्ड धारक को फिंगर प्रिंट देने पर ही राशन मिलेगा। ऐसे में फर्जी साइन के दम पर गेहूं की सप्लाई दिखाने बारे रिवायत खत्म हो जाएगी।

 

परिवार का कोई भी मैंबर ले जा सकता है राशन
सरकार ने स्मार्ट कार्ड लागू होने के बाद लोगों को परेशानी से बचाने का खास ध्यान रखा है। इसके तहत कार्ड धारक के अलावा परिवार के बाकी मैंबरों के आधार कार्ड भी लिंक किए गए हैं। अगर परिवार का मुखिया मौजूद नहीं है तो कोई भी मैंबर फिंगर प्रिंट लगाकर राशन ले जा सकता है।

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