नशे पर अब हरियाणा व पंजाब कसेगा और शिकंजा

punjabkesari.in Saturday, Jul 13, 2019 - 09:01 AM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब के साथ हरियाणा प्रदेश में बढ़ते नशे के कारोबार की वजह से दोनों राज्यों के हजारों परिवारों के बर्बाद होने को लेकर जहां सामाजिक संस्थाओं ने जागरूकता अभियान चलाया है वहीं अब दोनों राज्यों की सरकारें भी नशे का नाश करने के लिए और अधिक संजीदा नजर आती हैं, जिसका प्रमाण यह है कि शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय में नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने व युवाओं को इसकी चपेट में आने से बचाने के लिए एक विशेष वार्ता हुई।

करीब आधा घंटा तक चली दोनों मुख्यमंत्रियों की इस बैठक के दौरान मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम हेतु चलाए जाने वाले विशेष आप्रेशन के साथ-साथ जागरूकता अभियान चलाने पर विस्तार से चर्चा हुई। आज की इस बैठक के बाद इस संबंध में 25 जुलाई को पंजाब राज्य द्वारा एक बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शिरकत करेंगे। इस बैठक में उत्तरी रा’यों के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ इस समस्या से निपटने के लिए एक संयुक्त बैठक करने पर भी चर्चा हुई। 

कड़े कदम उठाने पर बनी सहमति
गौरतलब है कि इस बैठक के दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों ने यह माना कि ड्रग्स की वजह से युवाओं की जिंदगी तबाह हो रही है और उन्हें ड्रग्स के इस चंगुल से मुक्त करवाने के लिए कड़े कदम उठाने के साथ-साथ एक संयुक्त मुहिम चलाने की भी जरूरत है। इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब के मुख्यमंत्री को बताया कि ड्रग्स की समस्या जितनी पंजाब में चिंताजनक है, उतनी बेशक हरियाणा में नहीं है, मगर फिर भी राज्य सरकार ऐसे प्रभावी कदम उठाने को तैयार है ताकि आने वाले समय में प्रदेश में ड्रग्स के जाल को फैलने से रोका जा सके।  उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार पहले से ही इस दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री को बताया कि इस कड़ी में हरियाणा सरकार ने 1000 से अधिक योग एवं व्यायामशालाएं प्रदेश में खोली हैं तो आम लोगों को नशे की लत छुड़वाने व उन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए राहगरी कार्यक्रम हर जिले में नियमित रूप से आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें कलाकारों को अ‘छा मंच मिलता है और लोगों का ध्यान नशे की बजाय अपने स्वास्थ्य पर केंद्रित होता है। 


मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन भी कर चुके हैं आयोजित
मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा पिछले वर्ष अगस्त में ‘ड्रग: खतरे, चुनौतियां और रणनीतियां’ के मुद्दे पर 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों का एक सम्मेलन चंडीगढ़ में आयोजित किया गया था, जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह शामिल हुए थे जबकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर वीडियो कांफ्रैंसिंग के जरिए इस सम्मेलन से जुड़े थे। इसके अतिरिक्त दिल्ली, राजस्थान व चंडीगढ़ के आला अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए थे। बैठक में विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ ने ड्रग्स जैसे बड़े खतरे से निपटने के लिए संयुक्त रूप से एक विशेष अभियान चलाने पर सहमति व्यक्त की थी। इस सम्मेलन में मादक पदार्थों की रोकथाम हेतु पंचकूला में एक विशेष सचिवालय भी स्थापित करने का निर्णय लिया गया था, जिसमें प्रत्येक राज्य व केंद्र शासित प्रदेश से एक नोडल अधिकारी तैनात करने का भी फैसला किया गया था।

नशे की गर्त में हैं हरियाणा व पंजाब
गौरतलब है कि भौगोलिक लिहाज से छोटे यह दो राज्य हरियाणा व पंजाब हैरोइन, अफीम और चूरापोस्त तस्करी का हब बन गए हैं। नार्कोटिक्स ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में पुलिस ने हरियाणा में 657.85 किलोग्राम हैरोइन बरामद कर 669 लोगों को काबू किया। इससे पहले 2015 में पंजाब में 601.88 किलोग्राम जबकि हरियाणा में 155.92 किलोग्राम हैरोइन पकड़ी गई। अकेले हरियाणा में मादक पदार्थ अधिनियम के अंतर्गत पुलिस की ओर से साल 2017 में 2406 केस दर्ज कर 2383 लोगों को काबू किया गया।

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