पिछले एक दशक से खून-खराबे और गैंगवार की आग में झुलस रहा पंजाब

punjabkesari.in Saturday, Sep 13, 2025 - 09:32 PM (IST)

पंजाब डैस्क : पंजाब पिछले एक दशक से खून-खराबे और गैंगवार की आग में झुलस रहा है। लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया और बंबीहा जैसे गैंगस्टरों ने न सिर्फ राज्य में दहशत फैलाई है, बल्कि राजनीति और युवाओं पर भी गहरी छाप छोड़ी है। दरअसल पंजाब में गैंगस्टर का दौर 2013 में शुरू हुआ जो आज तक जारी है। कभी निजी दुश्मनी और बदले से शुरू हुए झगड़े अब संगठित नेटवर्क में बदल चुके हैं। गैंगस्टरों ने सार्वजनिक जगहों को जंग का मैदान बना दिया। मॉल, जिम और कैफ़े में गोलियां चलना आम हो गया। यही नहीं, इन अपराधियों ने सोशल मीडिया पर ‘हीरो कल्ट’ खड़ा कर लिया — जहां उनके पोस्टर, गाने और पेज़ युवाओं में लोकप्रिय हो गए।
 
वहीं 2022 में सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने पूरे देश को हिला दिया। यह घटना गैंगवार की जड़ें कितनी गहरी हो चुकी हैं, इसका सबसे बड़ा प्रमाण बनी। बिश्नोई और बंबीहा गैंग की दुश्मनी का यह नतीजा पंजाब के सांस्कृतिक और राजनीतिक माहौल को हमेशा के लिए बदल गया।
 
गुरदासपुर का कबड्डी खिलाड़ी रह चुका जग्गू आज जबरन वसूली का ‘किंग’ है। 128 से ज्यादा केस और पाकिस्तान से कनाडा तक फैला नेटवर्क बताता है कि पंजाब में अपराध अब स्थानीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय रूप ले चुका है। पंजाब पुलिस ने भी कई गैंगस्टरों को एनकाउंटर में मार गिराया। लेकिन सवाल यह है कि क्या केवल एनकाउंटर इस कल्चर को खत्म कर पाएंगे, या फिर समाज को अपराधियों को ‘सेलिब्रिटी’ मानने की प्रवृत्ति से बाहर निकालना होगा?
 
गैंगवार का सबसे खतरनाक पहलू यह है कि अपराधी आज के युवाओं के लिए रोल मॉडल बनते जा रहे हैं। उनके गानों, पोस्टरों और सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लाखों फॉलोअर्स हैं। यही कल्ट कल्चर पंजाब को एक ऐसे मोड़ पर ले आया है, जहां अपराध, राजनीति और पॉप कल्चर आपस में घुलमिल गए हैं।


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Content Editor

Subhash Kapoor

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