बाढ़ की चपेट में पंजाब! पहले ब्यास और अब सतलुज का कहर, खतरे में कई गांव
punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 02:53 PM (IST)

सुल्तानपुर लोधी (धीर): कपूरथला जिले के लगभग 123 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। ज़्यादातर गांव सुल्तानपुर लोधी इलाके में हैं। जिले के लगभग 5,728 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं और 1428 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। जिले में चार राहत शिविर बनाए गए हैं, जबकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार 14934 हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। अगर सुल्तानपुर लोधी विधानसभा क्षेत्र के आखिरी गांव मंड इंदरपुर की बात करें, तो यह भी पहले ब्यास की चपेट में आया और अब सतलुज नदी की चपेट में आ गया है और दोहरी मार देखने को मिल रही है।
जानकारी देते हुए गांव निवासी गुरनाम सिंह, रणजीत सिंह, जसवंत सिंह, गुरप्रीत सिंह ने बताया कि पहले 2023 में हम दोनों नदियों की मार झेल चुके हैं और अब ब्यास नदी में भी जलस्तर बढ़ने से हमारे गांव की लगभग 3,000 एकड़ फसल बर्बाद हो गई और इसके बाद अब सतलुज नदी भी हमारे लिए खतरा बन गई है। गांव मन्नू माछी के पास टूटे हुए अस्थायी बांध के कारण हमारे गांव में 4-4 फीट पानी भर गया है और हमारी फसलें भी बर्बाद हो गई हैं और हमारा आना-जाना भी मुश्किल हो गया है। आवागमन के साधन के रूप में केवल नाव ही बची है। खेती के अलावा हमारे पास कोई और व्यवसाय नहीं है और हम अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं।
अभी तक हमें कोई उचित सहायता नहीं दी जा रही है और न ही किसी समाजसेवी संस्था ने हमारा हाथ थामा है। हमारी स्थिति अब और बदतर होती नजर आ रही है। किसानों ने मांग की है कि उन्हें तत्काल राहत सामग्री जैसे नाव, मच्छरदानी, तिरपाल और अन्य राहत सामग्री, पशुओं के लिए चारा आदि उपलब्ध कराया जाए और क्षतिग्रस्त फसल का तुरंत मुआवजा भी दिया जाए।
बच्चों को निजी स्कूलों से निकालने की धमकी।
इस मौके किसान नेताओं ने कहा कि हमारी सारी फसलें भी बर्बाद हो गई हैं और हमारे बच्चे जो निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। अगर उनकी फीस देर से आती है और स्कूल संचालक हमारे बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकी भी देते हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार इस ओर ध्यान दे और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों की फीस का भी प्रबंध करे और जो स्कूल बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकी दे रहे हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि हमारा एकमात्र व्यवसाय कृषि है जो प्रभावित हुई है।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 3 सरूप सुरक्षित निकाले गए।
कल से सतलुज नदी में बढ़ते जलस्तर के कारण आस-पास के गांवों में स्थिति गंभीर होती जा रही है और नदी के किनारे रहने वाले लोगों में भय का माहौल है। गिद्दड़ पिंडी के नजदीक मन्नू माछी से अस्थायी तटबंध टूटने के कारण आस-पास के क्षेत्र की फसलें पूरी तरह से जलमग्न हो गई हैं। जिसके कारण यहां रहने वाले लोगों की स्थिति खराब होती जा रही है। सतलुज नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण गुरुद्वारा श्री बेर साहिब के प्रबंधकों को गुरुद्वारा साहिब कालू मुंडियां में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के सरूप को सुरक्षित और ऊंचे स्थान पर संभालने के लिए सूचित किया गया था। जिसके बाद गुरुद्वारा साहिब कालू मुंडियां से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 3 सरूप और 3 सेंचिया गुरुद्वारा टाहली साहिब गिद्दड़ पिंडी में लाकर उनकी संभाल की जा रही है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी के सदस्य भाई गुरमीत सिंह कबीरपुर ने बताया कि गुरुद्वारा साहिब कालू मुंडियां के ग्रंथी सिंह ने उन्हें सतलुज नदी में जल स्तर बढ़ने की सूचना दी थी। जिसके आधार पर हम सिंहों के साथ वहां से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 3 पवित्र सरूप और 3 सेंचिया आदर सहित लाए, जिन्हें गांव गिद्दड़ पिंडी के नजदीक गुरुद्वारा श्री टाहली साहिब में सुशोभित किया गया और जिम्मेदार व्यक्तियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई। इस मौके पर अन्य लोगों के अलावा गुरमीत सिंह कबीर पुर श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी, भाई हरजीत सिंह प्रचारक निगरानी कमेटी श्री अमृतसर, रणजीत सिंह राणा कबीर पुर, ग्रंथी सिंह भाई अवतार सिंह नल आदि भी मौजूद थे।
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