पंजाब केसरी’ की मुहिम का असर, 71 विधायकों ने की दुष्कर्म करने वाले दोषियों को फांसी दिए जाने की मांग

punjabkesari.in Saturday, Apr 21, 2018 - 11:35 AM (IST)

जालंधर: पंजाब के 71 विधायकों ने मुख्यमंत्री पंजाब कै. अमरेंद्र सिंह को पत्र लिखकर बच्चियों से दुष्कर्म करने वाले दोषियों को फांसी दिए जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में विधायकों ने हवाला दिया है कि देश के कई राज्य दुष्कर्म की धारा-376 में संशोधन कर फांसी की सजा का विधेयक लाए हैं इसलिए बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं को देखते हुए पंजाब में भी इस धारा में संशोधन करते हुए विधानसभा में बच्चियों से दुष्कर्म पर फांसी की सजा का विधेयक लाया जाए।

पंजाब में क्यों जरूरत
देश भर में बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों के बीच पंजाब में भी बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं। बुधवार को जिला गुरदासपुर और होशियारपुर में 2 बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले सामने आए। होशियारपुर में बीते 3 महीनों में यह 6वां मामला है जबकि अकेले लुधियाना में वर्ष 2017 में कमिश्ररेट पुलिस की तरफ  से विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दुष्कर्म के 104 केस दर्ज किए गए। इनमें 60 मामले बच्चियों के साथ दुष्कर्म के हैं। यह लुधियाना में कुल दर्ज हुई एफ.आई.आर. का 58 प्रतिशत है। पंजाब केसरी ने लोगों के बीच जाकर जाना कि हर व्यक्ति बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चाहता है।

 

हरियाणा में किस अपराध में कितनी बड़ी सजा 
1. 12 साल तक की बच्ची से दुष्कर्म पर दोषी को फांसी या 14 साल की जेल। (सजा की अवधि बढ़ाए जाने का भी प्रावधान)।

2. 12 साल तक की बच्ची से गैंगरेप होता है तो सभी आरोपी दुष्कर्म के दोषी माने जाएंगे। सभी को मौत की सजा या कम से कम 20 साल जेल होगी। जुर्माने के साथ सजा बढ़ाई जा सकती है। जुर्माना पीडि़ता को ही दिया जाएगा। उसके मैडीकल पर आए खर्च और पुनर्वास की व्यवस्था भी होगी। 

3. महिला के साथ छेड़छाड़ या दुष्कर्म की कोशिश पर दोषी को 7 साल की सजा का प्रावधान। पहले यह सजा 2 साल थी। 

4. महिला का पीछा करने पर 3 साल की सजा और जुर्माना। दोबारा ऐसा करने पर सजा 7 साल तक बढ़ाई जा सकती है। जुर्माना भी लगेगा।


कहीं सुरक्षित नहीं रही ‘लाडो रानी’

केस-1
आज बेटियां घर से एक डर लेकर बाहर निकलती हैं कि कहीं बाहर घूम रहे हवस के भेडि़ए उन्हें अपना शिकार न बना लें। बेटियों का यह डर यूं ही नहीं है क्योंकि आज प्रदेश में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। पंजाब में लाडो रानी डर के साए में जी रही है। अब तो बेटियां घर में भी सुरक्षित नहीं हैं। अपने ही घर में दरिंदे मासूमों को अपना शिकार बना रहे हैं। कुछ महीने पहले चंडीगढ़ में एक नाबालिगा के साथ उसके मामा ने रेप जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। वारदात का खुलासा तब हुआ जब मासूम की मां उसे डाक्टर के पास लेकर गई। डाक्टर ने बताया कि बच्ची मां बनने वाली है। नाबालिगा के साथ दोनों मामाओं ने मिलकर दुष्कर्म किया। मामला पुलिस के संज्ञान में आया। बाद में कोर्ट ने दोनों मामाओं को 10-10 साल की सजा सुनाई। लेकिन क्या इस सजा से मासूम की हंसी लौट सकती है? 

केस-2 
बीते माह लुधियाना में एक कैटरर के पास काम करने वाले 40 साल के हलवाई ने दुष्कर्म के बाद 6 साल की बच्ची की गला घोंटकर हत्या कर दी। दरिंदा बच्ची को समोसा खिलाने के बहाने बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था। दुष्कर्म के बाद उसने बच्ची की लाश पीडि़त परिवार के घर के पास ही खाली प्लाट में फैंक दी। घर की छत पर चढ़े एक बच्चे ने खाली प्लाट में दीवार के साथ बच्ची को पड़े देखा। घर वालों ने जाकर देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी। बच्ची की पीठ और चेहरे पर चोटों के निशान थे। हलवाई को थाना बस्ती जोधेवाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 

केस-3
जालंधर के कस्बा गोराया के एक गांव में बीते माह 7 साल की एक बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई। बच्ची पहली कक्षा की छात्रा थी। वह सुबह घर के बाहर खेल रही थी कि करीब 10 बजे अचानक गायब हो गई। पिता ने गांववासियों की मदद से लडक़ी की काफी तलाश की। गांव में अनाऊंसमैंट भी करवाई गई। जब वह नहीं मिली तो पुलिस को शिकायत दे दी गई। दूसरे दिन गांव के बाहर गन्ने के खेतों में एक युवक ने बच्ची का शव पड़ा देखा तो उसने इसकी सूचना अपने दादा को दी। दादा ने इसकी सूचना खेत के मालिक को दी जिसने पुलिस को सूचित किया व शव देखने पर उसकी पहचान करवाई गई। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान बच्ची के मामा के रूप में हुई।  

केस-4 
जालंधर स्थित एक  धार्मिक स्थल में माथा टेकने गई 8 साल की एक बच्ची को ज्यादा प्रसाद दिलाने का लालच देकर एक युवक ले गया। इसके बाद उसने दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी। घटना बीते साल की है। बच्ची अपने भाई-बहन के साथ गुरुद्वारे से प्रसाद लेकर बाहर निकल रही थी तभी उसे बाहर खड़ा युवक ज्यादा प्रसाद देने के बहाने साइकिल पर बैठाकर ले गया। बच्ची का अद्र्धनग्न शव होशियारपुर रोड पर खाली जगह पर मिला था। 


वकील भी फांसी की सजा के पक्ष में
इसमें ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। आजकल अपराधी जिस तरह बच्चियों की आबरू के साथ खेल रहे हैं उनके लिए यही सजा उचित है, मैं तो साथ कहूंगा कि ऐसे मामले 3 दिन में सुनवाई करके खत्म करने चाहिएं और अपराधी को सजा सुनाई जानी चाहिए। वैसे तो फास्ट ट्रैक कोर्ट का प्रबंध है लेकिन यह फास्ट ट्रैक कोर्ट भी मामलों को लटका देती हैं जिस कारण बच्चियां इंसाफ  के लिए इंतजार करती रह जाती हैं। 
-संजीव मल्होत्रा अपराध के मामलों के वकील, लुधियाना 

अपराधी को अपराध का भय होना बहुत जरूरी है। नन्ही बच्चियों के साथ ऐसी घिनौनी हरकत करने वालों को फांसी की सजा होनी ही चाहिए। मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सरकार ने इस दिशा में कानून बना दिया है लेकिन पंजाब में अभी फिलहाल ऐसा प्रावधान नहीं है, यदि कानून में फांसी की सजा का प्रावधान जोड़ दिया जाए तो अपराधी नन्ही बच्चियों के साथ इस तरह की हरकत करने से पहले सोचेगा।    
-इंद्रजीत सिंह, अपराध के मामलों के वकील, जालंधर 

ऐसे अपराधियों को माफ नहीं किया जाना चाहिए। यदि ऐसे कुछ मामलों में फांसी की सजा हो गई तो बच्चियों के साथ ऐसी घिनौनी हरकत करने वालों की रूह कांपेगी। कई देशों में बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान है और ऐसे देशों से बच्चियों के साथ इन अपराधों की खबरें बहुत कम आती हैं। दुष्कर्म के मामले में लगाई जाने वाली आई.पी.सी. की धारा 376 में मामूली बदलाव करके ही ऐसे अपराध में फांसी की सजा का प्रावधान रखा जा सकता है और पंजाब सरकार को भी इस दिशा में तुरंत प्रयास करना चाहिए।

—संदीप गोड़सी अमृतसर 

इन विधायकों ने लिखा मुख्यमंत्री के नाम पत्र

1. अंगद सिंह    नवांशहर
2. डा. सुखविंद्र कुमार सुक्खी    बंगा
3. दर्शन लाल मंगूपुर    बलाचौर
4. सोम प्रकाश    फगवाड़ा
5. जूनियर अवतार हैनरी    जालंधर उत्तरी
6. राजेंद्र बेरी    जालंधर सैंट्रल
7. सुशील कुमार रिंकू    जालंधर वैस्ट
8. ओम प्रकाश सोनी    अमृतसर
9. नवजोत सिंह सिद्धू    अमृतसर
10. सुखजीत सिंह काका    धर्मकोट
11. मनजीत सिंह बिलासपुर    निहाल ङ्क्षसह वाला
12. नाजर सिंह मानशाहिया    मानसा
13. बुधराम    बुढलाडा
14. नवतेज सिंह चीमा    सुल्तानपुर लोधी
15. राजकुमार वेरका    अमृतसर
16. सुनील दत्ती    अमृतसर
17. सुंदर शाम अरोड़ा    होशियारपुर
18. जयकिशन सिंह रोडी    गढ़शंकर
19 पवन कुमार आदिया    शामचौरासी
20. डा. राज कुमार    चब्बेवाल
21. अरुण डोगरा दसूहा
22. रजनीश कुमार बब्बी    मुकेरियां
23. ठेकेदार मदन लाल जलालपुर    घनौर
24. इंद्रबीर सिंह बुलारिया    अमृतसर (दक्षिण)
25. साधु सिंह धर्मसोत    नाभा
26. गुरमीत सिंह मीत हेयर बरनाला
27. पिरमल सिंह धौला    भदौड़
28. कुलबीर सिंह जीरा    जीरा 
29. गुरकीरत सिंह कोटली    खन्ना
30. अमरीक सिंह ढिल्लों    समराला
31. बलदेव सिंह  खैहरा    फिल्लौर
32. लखबीर सिंह  लोधीनंगल    बटाला
33. बलविंद्र सिंह  लाडी    श्री हरगोबिंदपुर    
34. परमिन्द्र सिंह पिंकी    फिरोजपुर
35. जोगिन्द्रपाल    पठानकोट
36. अमित विज    पठानकोट    
37. दिनेश सिंह बब्बू    सुजानपुर    
38. गुरप्रताप सिंह वडाला    नकोदर    
39. बरमिन्द्रमीत सिंह पाहड़ा    गुरदासपुर    
40. जगदेव सिंह कमालू    मौड़ 
41. सुरिंद्र कुमार डावर    लुधियाना (सैंट्रल) 
42. प्रीतम सिंह    भुच्चो मंडी    
43. दिलराज सिंह भूंदड़    सरदूलगढ़
44. अमरजीतसिंह संदोआ    रूपनगर    
45. दलवीर सिंह खंगूड़ा    धूरी
46. हरपाल सिंह चीमा    दिड़बा
47. अमन अरोड़ा    सुनाम
48. तृप्त राजिन्द्र सिंह बाजवा    फतेहगढ़ चूडिय़ां    
49 हरदयाल सिंह कंबोज    राजपुरा    
50. सिमरनजीत सिंह बैंस    आत्मनगर (लुधि.) 
51. रूपिन्द्र कौर रूबी    बठिंडा (देहाती) 
52. सर्बजीत सिंह मानूके    जगराओं
53. दर्शन सिंह बराड़    बाघापुराना    
54. कुशलदीप सिंह ढिल्लों    फरीदकोट    
55. कुलतार सिंह संधवा    कोटकपूरा     
56. संजीव तलवाड़    लुधियाना (उत्तरी)
57. जगतार सिंह जग्गा    रायकोट
58. भारत भूषण आशु    लुधियाना (पश्चिम)
59. लखबीर सिंह    पायल
60. बलबीर सिंह सिद्धू    एस.ए.एस. नगर 
61. एन.के. शर्मा         डेराबस्सी 
62. सुरजीत सिंह धीमान    अमरगढ़
63. सुखजिन्द्र सिंह रंधावा डेरा बाबा नानक
64. संतोख सिंह भलाईपुर    बाबा बकाला
65. मास्टर बलदेव सिंह    जैतो
66. हरमिंदर सिंह गिल    पट्टी
67. सतकार कौर गहरी    फिरोजपुर (देहाती)
68. राजिंदर सिंह    समाना
69. हरिंद्रपाल सिंह चंदूमाजरा    सन्नौर
70. चौ. सुरिंदरसिंह    करतारपुर
71. गुरप्रीत सिंह    बस्सी पठाना


 


 

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