सिद्धू के खिलाफ लामबंद हुए मंत्री, हाईकमान से कार्रवाई की मांग

punjabkesari.in Thursday, May 13, 2021 - 11:25 AM (IST)

चंडीगढ़/जालंधर (अश्वनी/ धवन): पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ पंजाब के कई मंत्री लामबंद हो गए हैं। इनमें नया नाम स्वास्थ्य मंत्री विजय इंदर सिंगला, भारत भूषण आशु और गुरप्रीत सिंह कांगड़ का जुड़ गया है। मंत्रियों ने कहा कि सिद्धू और राज्य की विरोधी पार्टियों जैसे आम आदमी पार्टी या भारतीय जनता पार्टी के बीच आपसी मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह संभव है कि सिद्धू की तरफ से मुख्यमंत्री पर निशाना साध कर किए जा रहे हमले राज्य में अपने चुनावी एजैंडे को आगे बढ़ाने तथा पंजाब कांग्रेस में समस्या पैदा करने के लिए आप या भाजपा नेताओं की तरफ से उकसा कर करवाए जा रहे हों। उन्होंने कहा, ‘जिस तरीके से सिद्धू की तरफ से राज्य सरकार खास कर कै. अमरेंद्र के खिलाफ हमलावर ढंग से मुहिम शुरू की गई है, उससे तो मुख्यमंत्री के खिलाफ साजिश का ही अनुमान लगता है।’

‘चुनाव होने वाला है तो पार्टी विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं’
एक सांझे बयान में मंत्रियों ने कहा कि ऐसी पार्टी विरोधी गतिविधियां किसी भी राजनीतिक पार्टी द्वारा बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं और वह भी उस समय जब रा’य में चुनाव होने वाली हों। उन्होंने कहा, ‘उसे तुरंत बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। उसकी पंजाब कांग्रेस में मौजूदगी पार्टी की रा’य इकाई में गड़बड़ पैदा कर रही है और चुनाव की तैयारी के महत्वपूर्ण काम से ध्यान भटका रही है।’

सिद्धू के विवादित बयानों के रिकॉर्ड की तरफ इशारा करते हुए मंत्रियों ने कहा कि पूर्व क्रिकेटर स्पष्ट तौर पर अपनी अकेली बल्लेबाजी करते हुए प्रतीत होते हैं और उसमें टीम भावना की कमी है। विधायक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए मंत्रियों ने कहा कि जिस थाली में खाना, उसी में छेद करने की उसकी आदत के कारण उसने अपनी पूर्व पार्टी में अपनी अहमियत गंवा ली है। पार्टी की तरफ से पंजाब में अगले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी में व्यस्त होने और रा’य सरकार के खतरनाक कोविड संकट से जूझने के समय कांग्रेस पार्टी में उसकी जगह बनाए रखने के पीछे दलील पर सवाल करते हुए मंत्रियों ने कहा कि वह एक मुसीबत के अलावा कुछ नहीं है जो इतने सालों के दौरान पंजाब में कांग्रेस और रा’य सरकार के लिए योगदान डालने में असफल रहा है।

‘मुख्यमंत्री के खिलाफ सीधे राजनीतिक  मैदान में आएं सिद्धू’
मंत्रियों ने कहा कि सिद्धू को मुख्यमंत्री के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर भड़ास निकालने की बजाय चुनाव मैदान में आना चाहिए।  उन्होंने कहा कि यदि सिद्धू को सचमुच अपनी राजनीतिक शक्ति पर विश्वास है तो वह कांग्रेस छोड़ दें और मुख्यमंत्री के विरुद्ध मैदान में आएं। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के विरुद्ध शाब्दिक हमले करने से उनका राजनीतिक रसूख या प्रसिद्धि नहीं हो सकती।

 

पंजाब और अपने शहर की अन्य खबरें पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vatika

Recommended News

Related News