पंजाब वासियों के लिए खतरे की घंटी, इस गंभीर संकट में राज्य

punjabkesari.in Tuesday, Nov 28, 2023 - 04:03 PM (IST)

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा,खुराना): पंजाब कभी आर्थिक तौर पर अमीर राज्य था, परंतु आज पंजाब वातावरन के संकट में है। पंजाब में आज हवा, मिट्टी व पानी प्रदूषण की मार में आ गया है। रसायणक खादें व कीड़ेमार दवाईयां उपजाऊ मिट्टी की गुणवत्ता खत्म कर रही है। धरती नीचला पानी लगातार नीचे जा रहा है व दरिया का पानी भी प्रदूषण की मार है। पंजाब में से जानवरों  व पक्षियों की कई किसमें अलोप हो चुकी है व कुछ अलोप होने के किनारे है। यह कुदरत की इंसानों के लिए चेतावनी है व हमें समझ जाना चाहिए है।

समय की सरकारें दें ध्यान
पंजाब में हर साल अंधाधुंध वृक्षों की कटाई हो रही है व फैक्टरियों में से निकल रहा कैमीकलों वाल पानी हमारे वातावरण को दूषित कर रहा है, परंतु सरकारें इस ओर ध्यान नहीं दे रही। हमें वातावरण बचाने के लिए बड़े स्तर पर वृक्ष लगाने चाहिए व आतिशबाजी पर सख्त पाबंदी होनी चाहिए व आम लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है।

सरकार ढूंढें पक्का समाधान
पराली का कोई पक्का समाधान हमारी सरकार ढूंढे ताकि मजबूरीवश हमें किसानों को पराली को आग न लगानी पड़े व वातावरण का बचाव हो सकें। किसानों को परेशानी करने की जगह सरकार कोई उचित हल करें।

दरियाओं का पानी प्रदूषित
दरियाओं का पानी दूषित व धरती नीचला पानी खत्म हो चुका है। दरियाओं में कारखानों व बड़े स्तर पर सीवरेज बिना साफ किए गिर रहा है, जिसके लिए सरकार को सख्ती करनी चाहिए है।  धरती नीचे पानी को बचाना सबसे जरूरी है।

कुदरत से छेड़छाड़
कुदरती से छेड़छाड़ के कारण हम भयानक बीमारियों का शिकार हो रहे है। जिसके जिम्मेवार हम खुद है। वातावरण बिना जीवन की कल्पना भी संभव नहीं है। हवा, पानी व वृक्ष इसके मुख्य अंश है। अपने सुख के लिए मनुष्य रोजाना लाखों ही वृक्षों की बलि चढ़ा रहा है ।कारखानों-फैक्टरियों के धूंए व गंधले पानी करके हवा, पानी एवं मिट्टी आदि दूषित हो रहे है। आधुनिक तकनॉलोजी वाले दौर में वातावरण संकट बढ़ता ही जा रहा है।

चारों ओर पड़ रही है मार
प्रदूषण से होने वाले कैंसर जैसे भयानक रोगों का उपचार मशीनों से भी महंगा है व साथ जान भी जाती है। वातावरण प्रदूषण की मार से चबने के लिए पहले हमें अपना मासिनक प्रदूषण खत्म करना पड़ेगा। पंजाब के वातावरण को प्रदूषण की चारों ओर मार पड़ रही है। खेतीबाड़ी केवल रसायणक खादें व कीड़ेमार जहरों पर निर्भर होने के कारण हमारी जरखेज जमीन सरापी गई है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि पंजाब की जमीन बंजर हो जाने का खतरा है। जमीन नीचने पानी का बड़े स्तर पर प्रयोग है इस अमृत का लगभग भोग डाल दिया है। दरियाई पानी के लिए भी अनेकों संकट खड़े हो रहे है। कारखानेदार द्वारा दरियाओं में कैमीकल मिलाने से गुरेज नहीं किया जाता है व ओर भी कई कारणों करके पंजाब के दरियाओं का पानी पलीत हो रहा है। धान की पराली व गेहूं का नाड़ जलाए जाएं, आतिशबाजी,एयर कंडीशनरों, ताप बिजली घरों व फैक्टरियों आदि के प्रदूषण के कारण हमारी हवा भी सांस लेने लायक नहीं रही। पंजाब का वातावरण बहुत गंभीर खतरे में है।

सभी वर्गों के लोग वातावरण को बचाएं: समाज सेवक
किसान धनवंत सिंह बराड़ लक्खेवाली, गुरतेज सिंह ढिल्लों, एडवोकेट गुरशमिंदर सिंह बराड़ लक्खेवाली, सेवा मुक्त प्रिंसिपल जसवंत सिंह बराड़ भागसर, गुरप्रीत सिंह मल्लन, बंटी बराड़ भागसर, कानूगो जसविंदर सिंह रामगढ़ चूंघा, गगन औलख, कर्मजीत कौर गोनियाना, छिंदरपाल कौर जलालाबाद, वाइस प्रिंसिपल कुसम परूथी एवं अमृतपाल कौर चक बीड़ सरकार ने कहा कि पंजाब इस समय भांत-भांत के संकटों से जूझ रहा है, जिनमें से वातावरण संकट प्रमुख है। जिसके कारण सभी वर्गों के लोगों को चाहिए कि वह वातावरण को बचाएं, क्योंकि पंजाब का वातावरण पलीत होने के कारण कैंसर, हैपेटाईट्स, डेंगू व ओर बीमारियां बढ़ रही है। सुना था कि पुराने समय में तानाशाहों द्वारा लोगों को मारने के लिए जहरीली गैस के चैंबरों में बंद कर दिया जाता है, परंतु अब तो हम अपने व अपने बच्चों  के लिए खुद ही जहरीली गैस के चैंबर तैयार कर रहे है। सरकारों को इसके बारे जागरूकता के लिए जंगी स्तर पर मुहिंम चलानी चाहिए। 

पंजाब के बढ़ते प्रदूषण की ओर सरकार ध्यान दें
हमारे पंजाब का वातावरण खतरनाक स्तर तक प्रदूषित हो चुका है, जिसका कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। पंजाब का धरती नीचला पानी पीने लायक नहीं रहा, दरियाओं का पानी भी हद से अधिक प्रदूषित हो गया है। लोगों को कैंसरी जैसी नामुराद बीमारियों ने घेर लिया है। जमीन भी हद से अधिक कैमीकलों, स्प्रों के कारण जहरीली हो चुकी है। किसी समय जमीन जोतने से मिट्टी की खुशबू आती होती थी जो आज गायब है। हवा भी गंधली हो चुकी है, जिसके लिए बहुत कुछ जिम्मेवार है। हमारी सरकरा को इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए व लोगों को सहयोग देना चाहिए।
 

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Vatika