बड़ा खुलासा: पंजाब पुलिस अकैडमी के अफसर ने कई मुलाजिमों को बना दिया चिट्टे का आदी

punjabkesari.in Sunday, May 08, 2022 - 11:22 AM (IST)

फिल्लौर(भाखड़ी): पंजाब पुलिस अकैडमी फिल्लौर में नशे के बड़े नैटवर्क का खुलासा पंजाब केसरी की तरफ से किया गया है, जिसके बाद मामला पंजाब पुलिस के आलाधिकारियों तक पहुंच गया है। इस मामले को लेकर जांच भी शुरू हो गई है, जिसके बाद कई तरह के नए खुलासे हो रहे हैं। खबर मिल रही है कि अकैडमी के अंदर तैनात पुलिस का आलाधिकारी ही पुलिस मुलाजिमों को नशे का आदी बना रहा था। जिसके बदले में वह लाखों रुपए भी वसूल रहा था। इस बात का खुलासा जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों के सामने हुआ है, जिसके बाद पुलिस अकैडमी में हड़कंप मच गया। इस नशे के सौदागर पुलिस अधिकारी ने न केवल लाखों रुपए वसूले, बल्कि कितने ही पुलिस मुलाजिमों को कर्ज में डुबो दिया। हालात इतने खराब हैं कि इन ड्रग्स के कारण ही अस्पताल में एक पुलिस मुलाजिम जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहा है। 

खुलासे से पुलिस अधिकारियों के भी उड़ गए होश
पंजाब केसरी द्वारा पुलिस अकैडमी फिल्लौर में फैले नशे के नैटवर्क का समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया गया, जिसके बाद इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा डी.जी.पी. पंजाब के पास भी पहुंच गई है। मामला क्योंकि पुलिस से जुड़ा हुआ है इसलिए विभाग में अंदरखाते जांच करवाई जा रही है। इस मामले में जो प्रारंभिक जांच अभी तक हुई है, उसमें पंजाब केसरी की इन खबरों को सही पाया गया है, जिसके बाद जांच का दायरा और बढ़ा दिया गया है। जांच में यह बात सामने आई है कि पुलिस अकैडमी में तैनात कई कर्मचारी इस ड्रग्स नैटवर्क का शिकार हो गए हैं। ऐसे पुलिस कर्मियों की सूची भी तैयार होनी शुरू हो गई है। इस पूरे खुलासे के बाद पुलिस अधिकारियों के भी होश उड़ गए हैं।  

सिपाही के बयान में सनसनीखेज खुलासे
जांच कर रहे अधिकारियों ने एक सिपाही रैंक के पुलिस मुलाजिम को खोज निकाला है, जो अकैडमी के नशे के सौदागर पुलिस अधिकारी के चंगुल में फंसा हुआ था। पुलिस को दिए अपने बयान में इस सिपाही ने सनसनीखेज खुलासे किए हैं। उसने कहा है कि पुलिस अकैडमी में एक उसके सीनियर रैंक के अधिकारी द्वारा पिछले चार वर्षों से नशे का नैटवर्क चलाया जा रहा है। वह जहां खुद नशे का सेवन करता है, वहीं पुलिस मुलाजिमों को इसका आदि बना कर उनसे लाखों रुपए भी कमाता है। कुछ अफसरों का चहेता होने के कारण न तो उसके विरूद्ध कोई आवाज उठाने का साहस करता है और न ही उसके विरुद्ध कोई कार्रवाई हो रही है। उसने खुलासा किया कि उसके जैसे अकैडमी में 8 से 10 पुलिस मुलाजिम और भी हैं, जो नशे की लत का शिकार हो चुके हैं और उनकी जिंदगी पूरी तरह से बर्बाद है।

ऐसे फंसाता था सीनियर दुसरे पुलिस मुलाजिमों को नशे के जाल में
नशे की लत का शिकार हुए पुलिस मुलाजिम ने बताया कि वर्ष 2016 से वह पी.पी.ए. फिल्लौर में कार्यरत है। वर्ष 2017 में उसकी पहचान उसी अकैडमी में तैनात अपने सीनियर अधिकारी से हुई। उस सीनियर अधिकारी के साथ जब वह 31 दिसम्बर को डल्हौजी जा रहा था, तो उसने रास्ते में नशीले पाऊडर की पुड़िया निकाल कर उसे आफर की। अधिकारी ने खुद भी नशा किया और उसे भी इसका सेवन करने को कहा लेकिन इन्कार करने पर वह अधिकारी इस नशीले पाऊडर का गुणगान करने लगा। सीनियर अधिकारी होने के कारण और बार-बार आफर करने के कारण उसने भी इसका स्वाद चख लिया, जबकि इससे पहले उसने कभी भी किसी नशे को हाथ नहीं लगाया था। डल्हौजी से वापस आने के बाद क्योंकि वह उक्त अधिकारी के तहत काम कर रहा था तो अक्सर उससे मुलाकात होती रहती थी। जब भी वह उक्त अधिकारी से मिलता तो वह उसे इस नशीले पदार्थ का सेवन जरूर करवाता। धीरे-धीरे वह इस नशे की लत में फंस गया और यह नशा अब उसकी खुराक बनने लगा। 

चिट्टे के बदले अधिकारी को दिए 12 लाख रुपए
जब वह पूरी तरह से नशे का आदी हो गया तो उक्त अधिकारी ने उससे मिलना बंद कर दिया, जब उसने नशा न मिलने के कारण हो रही बुरी हालत को अधिकारी के सामने बयान किया तो उसने साफ कह दिया कि वह उसे मुफ्त में नशा नहीं पिला सकता। अगर उसे ड्रग्स चाहिए तो वह पैसों का प्रबंध कर ले। सिपाही ने बयान में कहा है कि उसने 2017 के बाद लगी इस लत के दौरान करीब 12 लाख रुपए का 'चिट्टा' उक्त अधिकारी से खरीद कर पीया है, जिसके लिए उसने बैंक खातों से भी अधिकारी को पेमैंट की है। उसका पूरा वेतन नशे में ही जाने लगा और घर की हालत भी खराब होने लगी। 

चिट्टे के लिए लिया पर्सनल लोन 
नशा लेने के लिए खुद उक्त पुलिस अधिकारी ने उसे बैंक लोन भी लेकर दिया। सिपाही ने कहा कि उसने 3.30 लाख का पर्सनल लोन लिया, जिसका पूरा भुगतान उक्त पुलिस अधिकारी को किया गया। इसके बाद शहर की एक प्राइवेट फाइनांस कंपनी से 1 लाख रुपए का लोन लिया, जिसमें गवाही उक्त पुलिस अधिकारी ने ही दी। यही नहीं सिपाही ने अपने बयानों में कहा है कि उसके बाद उसने अपनी मां के बैंक खातों से भी पैसे निकलवा कर उक्त अधिकारी को दिए हैं, जिसके बदले में उसने उसे 'चिट्टा' मुहैया करवाया।  
 
डी.जी.पी. खुद रख रहे मामले पर नजर
खबर मिली है कि फिल्लौर अकैडमी में इस खुलासे के बाद खुद डी.जी.पी. पंजाब ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और मामले की तह तक जाने के लिए निर्देश जारी किए हैं। खबर तो यह भी आ रही है कि सोमवार को डी.जी.पी. फिल्लौर अकैडमी में आ सकते हैं। संभावना यह भी जताई जा रही है कि अकैडमी में चल रहे इस नशे के धंधे के साथ-साथ कई अन्य अनियमितताओं को लेकर भी डी.जी.पी. के सामने मामला उठाया जा सकता है। जानकार तो यह भी बता रहे हैं कि डी.जी.पी. को इस संबंध में सरकार की तरफ से सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि ड्रग्स को रोकने वाली पुलिस ही जब खुद ड्रग्स का शिकार होने लगेगी तो इस पर नियंत्रण करना कैसे संभव हो पाएगा। 

मौत से जंग लड़ रहा पुलिस मुलाजिम
उक्त सिपाही के साथ-साथ एक अन्य हवलदार स्तर का पुलिस मुलाजिम भी इस चिट्टे के कारण जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है। जानकारी के अनुसार उक्त मुलाजिम नशे की ओवरडोज के कारण लुधियाना के निजी अस्पताल में दाखिल है, जहां डाक्टर उसका इलाज कर रहे हैं। इस मुलाजिम की हालत इतनी खराब है कि डाक्टरों को दवाई के इंजैक्शन देने के लिए भी नसें नहीं मिल रही हैं क्योंकि अधिकतर नसें ड्रग्स के इंजैक्शन के कारण डैमेज हो चुकी हैं। यह मुलाजिम पिछले कुछ दिनों से कोमा में है। 

कभी भी दर्ज हो सकता है मामला
सूत्रों से खबर मिली है कि इस पूरे मामले में नशे का सौदागर पुलिस अधिकारी टार्गेट पर है तथा इस पर किसी समय भी एक्शन हो सकता है। खबर मिली है कि आला पुलिस अधिकारियों की तरफ से जांच के बाद एस.एस.पी. जालंधर देहाती को एक पत्र लिखने जा रही है, जिसमें उक्त नशे के सौदागर अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने के लिए सिफारिश की जाएगी।

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Content Writer

Sunita sarangal