घर में अकेले रह रहे बुजुर्गों के अब आंसू पोंछेगी पंजाब पुलिस

punjabkesari.in Sunday, Dec 22, 2019 - 12:11 PM (IST)

होशियारपुर(अमरेन्द्र): जिन बच्चों को पालने के लिए मां-बाप अपनी जिंदगी लगा देते हैं, उनको जीवन के अंतिम क्षण में अकेला छोड़ देना कितना बड़ा अपराध है, इस बात की कल्पना करना भी मुश्किल है। बुढ़ापे के समय बुजुर्ग जहां नाती-पोतों से ज्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं लेकिन बेटे व बहू के विदेशों में सैटल हो जाने के बाद पंजाब के सभी गांवों व शहरों में बुजुर्ग घर में अकेले रह गए हैं। किसी चीज की जरूरत हो या बीमार हो तो वह अब अपने को असहाय महसूस करने को मजबूर हुआ करते हैं। ऐसे में अब पंजाब पुलिस घर में अकेले रह रहे बुजुर्गों की सेवा के लिए नई पहल करने की तैयारी कर रही है। ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टिगेशन डायरैक्टर द्वारा जारी निर्देशों तहत अब पंजाब पुलिस घर में अकेले रह रहे बुजुर्गों की आंसू पोंछने के अलावा सुरक्षा का जिम्मा उठाने के लिए थाने में अलग से कम्युनिटी विंग बना बुजुर्गों से तालमेल रख उनकी सुरक्षा का जिम्मा उठाएगी। 

पुलिस कम्युनिटी विंग बुजुर्गों से रखेगा तालमेल
पंजाब पुलिस के ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टिगेशन डायरैक्टर के निर्देशों अनुसार पुलिस न केवल नियमित तौर पर घर में अकेले रह रहे बुजुर्गों का हालचाल पूछेगी बल्कि उनके लिए थाने में विशेष सुविधा भी देगी। इसके लिए अलग से कम्युनिटी पुलिस का विंग बना बुजुर्गों से तालमेल रखेंगे। यही नहीं, बुजुर्गों के यहां कार्य करने वाले नौकरों बारे भी पुलिस खुद जाकर जानकारी जुटाएगी। पंजाब पुलिस के ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टिगेशन डायरैक्टर ने इस संबंधी पत्र भेजकर इंतजाम करने को कहा है। इसके लिए उन्हें सामाजिक सुरक्षा विभाग से भी सीनियर सिटीजंस को लेकर तय गाइडलाइंस बारे जानकारी लेने को कहा गया है ताकि बुजुर्गों को किसी किस्म की परेशानी न हो।

बुजुर्गों की सूची तैयार कर इलाका अफसर लगाएंगे चक्कर 
जारी निर्देशोंनुसार पुलिस थाने अपने इलाके में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की सूची तैयार करेंगे। फिर उनके घर जाकर हालचाल पूछेंगे। उनका ब्योरा लेने के बाद जिस भी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी के पास वो इलाका है, वो नियमित तौर पर उनके आसपास खास निगरानी रखेंगे। जरूरत पड़ी तो उनसे मिलकर भी आएंगे। अगर उन्हें किसी तरह की मदद की जरूरत पड़ती है तो थाने के स्तर पर एक कम्युनिटी पुलिस अफसर उनके संपर्क में रहेगा।

नौकरों पर रहेगी पुलिस की पैनी नजर
सभी पुलिस थाने अपने एरिया में जांच करेंगे कि किस-किस सीनियर सिटीजन यानि बुजुर्ग के घर में नौकर रखे हुए हैं। अभी तक पुलिस लोगों से ही अपील करती है कि नौकरों का पुलिस वैरीफिकेशन कराएं। कुछ लोग कराते हैं, कुछ नहीं कराते। इस पर पुलिस के स्तर पर ज्यादा सख्ती नहीं होती। हालांकि अब बुजुर्गों के यहां रखे घरेलू नौकरों की पुलिस अनिवार्य वैरीफिकेशन करेगी ताकि अगर कल को कोई आपराधिक घटना होती है तो उसे धरा जा सके। इससे नौकरों में भी पुलिस का डर रहेगा।

उम्र के इस पड़ाव में सुरक्षा अहम 
ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टिगेशन की मानें तो पंजाब में ऐसे कई बुजुर्ग हैं, जिनके बच्चे बाहर रहते हैं या फिर उनसे अलग हो गए हैं। उम्र के इस पड़ाव में उनकी सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है। उचित देखरेख में कई बार बुजुर्ग बीमार होता है या उनकी मौत हो जाती है और इसका पता तब चलता है जब घर से कई दिन बाद बदबू आती है। ऐसे में अगर पुलिस नियमित तौर पर वहां आती-जाती रहेगी तो उनके बारे जानकारी मिलती रहेगी। दूसरा सबसे बड़ा कारण नौकरों द्वारा किया जाने वाला अपराध है। इसमें अकेले रहते बुजुर्गों से लूट, चोरी व हत्या तक के मामले सामने आ चुके हैं। अक्सर नौकर वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं और उसका कोई रिकॉर्ड न होने की वजह से न जांच हो पाती है और न ही ऐसे अपराधी नौकर पकड़े जाते हैं। अब पुलिस के पास वैरीफिकेशन के तौर पर उसके तमाम दस्तावेज रहेंगे तो उसे पकडऩे में भी पुलिस को आसानी रहेगी।

बुजुर्गों की सेवा में पुलिस कोई कमी नहीं रखेगी: एस.एस.पी.
संपर्क करने पर एस.एस.पी. गौरव गर्ग ने बताया कि ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टिगेशन द्वारा जारी पत्र में दिए दिशा-निर्देशों की पालना करने में पुलिस कोई कमी नहीं आने देगी। इसमें कोई संदेह नहीं कि बुढ़ापा एक ऐसी अवस्था है जो सभी इंसान के जीवन में आता है। अपने देश में जहां माता-पिता को देवता सामान समझा जाता था, आज वहां बढ़ते वृद्ध आश्रम हकीकत बयां करने के लिए काफी हैं कि हमारे समाज में किस नकारात्मक तरीके से बदलाव आ रहा है। जारी निर्देशों अधीन घर में अकेले रह रहे बुजुर्गों का ख्याल रखने के लिए थानों में अलग से किसी अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी ताकि जरूरत के वक्त वो तुरंत उनकी मदद के लिए उपलब्ध हो सके।

Edited By

Sunita sarangal