प्रदूषण फैलाने वालों पर NGT सख्त, नहीं सुधरे तो जारी होगा क्लोजर नोटिस

punjabkesari.in Thursday, Mar 28, 2019 - 08:33 AM (IST)

लुधियाना(धीमान): नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) पंजाब के प्रदूषण को लेकर सख्त हो गई है। एन.जी.टी. ऐसी योजना बनाने जा रही जिससे प्रदूषण फैलाने वालों को सिर्फ  एक बार अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा और दूसरी बार सीधा क्लोजर का नोटिस जारी होगा। अब संबंधित विभागों को जुर्माने लेकर इंडस्ट्रीज को छोडऩे का खेल भी खत्म करना होगा। इसके अलावा हर सरकारी विभाग के हैड ऑफ  द डिपार्टमैंट को भी जिम्मेदार बनाया जाएगा।

यदि वह अपनी जिम्मेदारी से इधर-उधर हुए तो उन्हें सीधा जेल भी जाना पड़ सकता है। यह जानकारी आज प्रदूषण के स्तर को जानने के लिए एन.जी.टी. द्वारा गठित की मॉनीटरिंग कमेटी का नेतृत्व कर रहे पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रीतम पाल ने दी, जो सरकारी विभागों की कारगुजारियों से खासे नाराज दिखे। उन्होंने आज पर्यावरणविद् संत बलबीर सिंह सीचेवाल के गांव सीचेवाल में बनी काली बेईं का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ‘पंजाब केसरी’ से फोन पर बात करते हुए कहा कि एन.जी.टी. प्रदूषण फैलाने वाली या इसे रोकने वाली किसी भी संस्था को बख्शने के मूड में नहीं है। पंजाब में इंडस्ट्रीयल प्रदूषण के कारण लोग गंभीर बीमारियों के चपेट हैं।

यही नहीं नगर निगम के भी सही कार्य न करने के चलते शहरों में घरेलू प्रदूषण से भी हालात काफी खराब है लेकिन अब 1 माह के भीतर सारे पंजाब व हि.प्र. के प्रदूषण की जानकारी लेकर एक पुख्ता योजना बनाई जाएगी ताकि लोगों को शुद्ध वातावरण में रहना मिल सके। इस रिपोर्ट के बाद जो योजना तैयार होगी उसे एन.जी.टी. स्वयं विभिन्न सरकारी विभागों के सहयोग से लागू करवाएगी। इसके बाद यदि किसी ने येाजना के मुताबिक काम न किया तो इंडस्ट्रीज को ताले लगेंगे और संबंधित विभागों के हैड अफसरों को जेल भेजा जाएगा। सरकारें पर्यावरण के मामले में गंभीर नहीं हैं, इसीलिए तो एन.जी.टी. को सख्त होना पड़ रहा है।  उन्होंने कार निर्माता कंपनी स्कोडा इंडिया का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदूषण के सारे पैरा-मीटर पर खरी न उतरने के कारण उस पर 500 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने इसकी अपील की अर्जी स्वीकार करने के लिए उसे 100 करोड़ रुपए जमा करवाने के आदेश दिए हैं यानी साफ  है कि कोई भी अदालत पर्यावरण के मामले में किसी को भी बख्शेगी नहीं।


रिटायर्ड जज प्रीतम पाल अपनी टीम के साथ अप्रैल में बुड्ढे नाले का करेंगे दौरा
लुधियाना के प्रदूषण की रिपोर्ट बनाने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रीतम पाल अपनी टीम के साथ अप्रैल में लुधियाना के बुड्ढे नाले का दौरा करेंगे। इस दौरान देखा जाएगा कि इसे प्रदूषित करने में किस-किस योगदान है और इसे अभी तक साफ  क्यों नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि बुड्ढे नाले पर एन.जी.टी. का विशेष फोकस है। एक-एक कारण को जानकर उसमें सुधार करवाया जाएगा लेकिन इसे प्रदूषित करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने माना कि अब तक जो रिपोर्ट एन.जी.टी. के पास आई है उनके मुताबिक डाइंग, इलैक्ट्रोप्लेटिंग, डेयरी गोबर व नगर निगम की लापरवाही के चलते बुड्ढा नाला प्रदूषित है। यही नहीं प्रदूषण को खत्म करवाने में पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड भी फेल हो गया है। अब हर माह सैंट्रल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से सैंपल भरवाए जाएंगे।


संत सीचेवाल ने PPCB के चीफ  इंजीनियर को भी किया फेल 
प्रदूषण के स्तर को जानने के लिए एन.जी.टी. द्वारा गठित की मॉनीटरिंग कमेटी का नेतृत्व कर रहे पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रीतम पाल ने पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अफसरों से कहा कि संत सीचेवाल के पास कोई तकनीकी चीफ  इंजीनियर नहीं हैं, जो इन्हें साफ-सफाई के जानकारी दे सकें। मगर जिस तरह लगन से काली बेईं की सफाई की है उससे इन्होंने साबित कर दिया है कि पी.पी.सी.बी. के चीफ  इंजीनियर इनके आगे कुछ नहीं हैं। सवाल है कि यदि नॉन तकनीकी संत ऐसे काम कर सकते हैं तो लुधियाना में बुड्ढे नाले को साफ  करने के लिए प्रदूषण बोर्ड के अफसर संत सीचेवाल से ट्रेङ्क्षनग क्यों नहीं ले लेते हैं। उन्होंने संत सीचेवाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपकी सफाई मुहिम को रोल मॉडल बनाकर दूसरे गांवों में भी एन.जी.टी. सफाई करवाएगी।

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