PPCB का एक्सीयन सस्पेंड, जानें क्या है पूरा मामला
punjabkesari.in Tuesday, Oct 14, 2025 - 10:07 AM (IST)
लुधियाना (राम): पैसे मांगने के आरोप में पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पी.पी.सी.बी.) के एक्सीयन को निलंबित कर दिया गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार अधिकारी पर कारोबारियों से रिश्वत मांगने के आरोप लगे थे। विभाग ने प्रारंभिक जांच के आधार पर तत्काल प्रभाव से उन्हें सस्पेंड कर दिया। हालांकि, विभाग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। उनका कहना है कि पूरी जांच पूरी होने के बाद ही सस्पेंशन पर फैसला होना चाहिए था। इस बीच, आर.ओ.-3 और आर.ओ.-4 दफ्तरों में अब भी हालात जस के तस हैं। कई अधिकारी और कर्मचारी अपनी पुरानी कार्यशैली जारी रखे हुए हैं। शहर के कैलाश नगर, काली सड़क, ताजपुर रोड, चौड़ी सड़क, बहादुरके रोड, राहों रोड और फेज-6, 7, 8 जैसे इलाकों में दर्जनों अवैध इलेक्ट्रोप्लेटिंग और वॉशिंग यूनिट खुलेआम चल रहे हैं। इन यूनिटों से निकलने वाला गंदा पानी नालियों और ड्रेनों में छोड़ा जा रहा है जिससे प्रदूषण फैल रहा है और लोगों को बदबू व बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
जिन पर शिकंजा कसने की जरूरत, उन पर कार्रवाई नही
स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागीय कार्रवाई सिर्फ दिखावे तक सीमित है। जिन पर वास्तव में शिकंजा कसने की जरूरत है, उन पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही। आर.ओ.-3 और आर.ओ.-4 के अधीन काम करने वाले कुछ अधिकारी और कर्मचारी वर्षों से मलाईदार पदों पर जमे हुए हैं। इन्हीं की लापरवाही और मिलीभगत के कारण अवैध यूनिट लगातार चल रहे हैं। जब तक ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कदम नहीं उठाए जाते, तब तक प्रदूषण और अव्यवस्था की समस्या बनी रहेगी।
सैंपलिंग के नाम पर घपलेबाजी जारी
विभाग के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि सेंपलिंग के नाम पर भी बड़े पैमाने पर घपलेबाजी की जा रही है। कई मामलों में औद्योगिक इकाइयों से सैंपलिंग के बदले मोटी रकम ली जाती है ताकि रिपोर्ट ‘क्लीन’ दिखाई दे। इसका सीधा असर शहर के पर्यावरण पर पड़ रहा है, क्योंकि प्रदूषण फैलाने वाले यूनिट बेखौफ काम कर रहे हैं जबकि नियमों का पालन करने वाले उद्योग प्रशासनिक दबाव में हैं।
भ्रष्टाचार रोकने के लिए शीर्ष अधिकारियों का हस्तक्षेप जरूर
जानकारों का कहना है कि जब तक पी.पी.सी.बी. की चेयरपर्सन रीना गुप्ता और मैंबर सैक्रेटरी लवनीत दुबे इस दिशा में सीधा हस्तक्षेप नहीं करते, तब तक विभाग में फैला भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा। लोगों ने मांग की है कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जाए और दोषी चाहे कोई भी हो, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही अवैध यूनिटों को बंद कराने के लिए संयुक्त अभियान चलाया जाए ताकि शहर को प्रदूषण से राहत मिल सके। वहीं, इस संबंध में जब पी.पी.सी.बी. के चीफ इंजीनियर आर.के. रतड़ा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि “हमें जो हिदायतें आला अधिकारियों की तरफ से मिली हैं, उसी के मुताबिक कार्रवाई की गई है।
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