पंजाबवासी थोड़ा संभल कर! अभी भी खतरा, मुश्किल में पड़े किसान
punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 06:13 PM (IST)

सुल्तानपुर लोधी (धीर): ब्यास नदी के पानी के बहाव में आए बदलाव के कारण मंड क्षेत्र के सफदलपुर, खिजरपुर, मंड मियानी आदि गांवों के खेतों में घुस रहे पानी का बहाव अभी कम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि ब्यास नदी का जलस्तर अपने पिछले स्तर पर पहुंचने के बाद भी हमारे खेतों से पानी नहीं निकल रहा था। जिसके कारण हम नई फसलें नहीं बो पा रहे थे। उन्होंने कहा कि इसी वजह से गांव वालों ने पोक मशीन मंगवाई ताकि नई पानी की सप्लाई को अस्थायी तौर पर रोककर खेतों में जमा पानी को निकाला जा सके।
फिर खेतों में जमा रेत और मिट्टी को हटाया जाए और खेतों को फिर से जोत कर गेहूं की फसल के लिए तैयार किया जाए। लेकिन ऐसा लगता है कि ख्वाजा पीर अभी भी नाराज हैं और जब पोक मशीन को पानी में उतारा गया तो पानी बहुत गहरा था और उसमें जमा दलदल और रेत के कारण पोक मशीन डूब गई।
अब इसे बाहर निकालने के लिए काफी प्रयास किया जा रहा है। किसान नेता मंड ने कहा कि कल पंजाब केसरी में प्रकाशित समाचारों और अन्य माध्यमों से संगत से की गई अपील पर बड़ी संख्या में संगत ने आकर हमारा समर्थन किया ताकि उन खेतों से भी पानी निकाला जाए। उन्होंने कहा कि पानी का स्तर पहले वाली जगह पर पहुंचने के बावजूद यह पता नहीं चल रहा है कि हमारे खेतों से पानी क्यों नहीं निकल रहा है।
उन्होंने कहा कि नदी के बहाव में बदलाव के कारण मलकीयत वाली जमीनों में पानी तेजी से बह रहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी किसानों और मंड निवासी मीडिया का खास कर पंजाब केसरी का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने इस मुश्किल समय को अपने चैनलों और अखबारों के माध्यम से खबरे प्रकाशित करके सरकार के कानों तक हमारा दुखड़ा पहुंचाया है।
किसान नेता ने बताया कि अब किसान खुद आगे आकर मिट्टी की बोरियों से बांध बना रहे हैं ताकि जलस्तर कम हो सके और फिर पोक मशीन को बाहर निकाला जा सके। किसान अमर सिंह, हरजिंदर सिंह, बलविंदर सिंह, परमजीत फौजी, नायब सिंह आदि ने बताया कि सरकार या प्रशासन का कोई भी अधिकारी हमारी सुध लेने नहीं पहुँचा और न ही कोई मदद की।
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