पंजाब का बजट 'आप' सरकार के लिए बड़ी चुनौती

punjabkesari.in Wednesday, Mar 16, 2022 - 02:31 PM (IST)

जालंधरः पंजाब में सरकार कोई भी आए या कोई भी जाए इससे फर्क नहीं पड़ता। फर्क पड़ता है तो पंजाब की आर्थिक स्थिति से। जब तक पंजाब की रीढ़ की हड्डी यानी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होगी तब तक पंजाब अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकता। यही वजह है कि पंजाब में आर्थिक स्थिति का खमियाजा सरकारों को भी भुगतना पड़ता है। जब-जब भी पंजाब की आर्थिक स्थिति कमजोर होगी तब-तब सरकार भी अपने जड़ें मजबूत करने में कामयाब नहीं हो सकेंगी। शिअद, कांग्रेस के बाद अब 'आप' की सरकार आने पर पंजाब का बजट उनके लिए चुनौती बनकर खड़ा है क्योंकि पंजाब का बजट 1.70 लाख करोड़ का है। जब चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री रहते हुए 2 किलोवाट बिजली कनेक्शन वाले सभी बकायों को और बिजली बिल माफ कर दिए थे तो तब पंजाब पर 1200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ा। पिछले 5 वर्षो दौरान पंजाब पर अब 2,82,000 करोड़ रुपए का कर्ज का बोझ है। 

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आपको बता दें कि पंजाब चुनाव से पहले हर एक राजनीतिक पार्टियों द्वारा गारंटियों का ऐलान किया गया था। इसी दौरान 300 बिजली यूनिट माफ, हर एक महिला के अकाउंट में 1000 रुपए आएंगे। ऐसी गारंटियों के चलते पंजाब पर कर्ज का बोझ बढ़ता चला जा गया। आपको बता दें कि यदि 300 यूनिट बिजली मुफ्त देनी पड़ी और हर महिला को 1000 रुपए देने पर 20 हजार करोड़ रुपए चाहिए होंगे यानी कि 45 हजार करोड़ रुपए इकट्ठे करने होंगे। गौरतलब है कि जब शिअद ने पद छोड़ा तो पंजाब पर 1.82 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था। इसके बाद कांग्रेस दौरान यह कर्ज बढ़कर 2.82 लाख करोड़ रुपए हो गया। जब कांग्रेस की सत्ता थी तो हर वर्ष 20 हजार करोड़ रुपए का कर्ज सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाता था। इसी के चलते अर्थशास्त्र के एक्सपटर्स का कहना है कि अगर पंजाब को कर्ज मुक्त करना है तो इसके लिए टैक्स चोरी को रोकना पड़ेगा और अतिरिक्त किए जाने खर्च पर लगाम लगानी होगी।

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News Editor

Urmila

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