पंजाब के स्कूलों में Admission को लेकर नई शर्तें नियम लागू, मां-बाप को मिली बड़ी राहत
punjabkesari.in Thursday, Feb 08, 2024 - 01:15 PM (IST)

पंजाब डेस्क: पंजाब सरकार ने छोटे बच्चों और उनके अभिभावकों की सुविधा के लिए एक अहम फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले के मुताबिक, अब पंजाब के स्कूलों में 3 साल का बच्चा भी नर्सरी कक्षा में दाखिला ले सकेगा। अपने बच्चे को प्रवेश दिलाने के लिए सरकार ने घर बैठे किसी भी कक्षा में प्रवेश और पंजीकरण की सुविधा दी है।
इसके तहत विद्यार्थी ई-पंजाब पोर्टल पर ऑनलाइन एडमिशन लिंक के माध्यम से दाखिला और रजिस्ट्रेशन फॉर्म भर सकते हैं। जब माता-पिता अपने बच्चे के लिए यह फॉर्म भरेंगे, तो संबंधित स्कूल के शिक्षक स्वयं माता-पिता से संपर्क करेंगे। निजी स्कूलों की तरह अब प्री-प्राइमरी-1 और प्री-प्राइमरी-2 की जगह एल.के.जी और यू. के.जी. नाम की कक्षाएं बनाई गई है। दरअसल सरकार ने ऐसा केंद्र सरकार की शिक्षा नीति को भी ध्यान में रखते हुए किया है। इस नीति के अनुसार सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र 6 साल तक होनी चाहिए। अभी तक प्री-प्राइमरी-1 में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र 4 साल तय की गई थी। दूसरी ओर, निजी स्कूल 3 साल के बच्चे को भी दाखिला दे देते थे। इससे बच्चा आंगनवाड़ी से निकलकर सीधे निजी स्कूलों की नर्सरी में चला जाता था, जिससे सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होने लगी।
सरकार द्वारा स्कूलों में दाखिला बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चला रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह अभियान 9 फरवरी से श्री आनंदपुर साहिब के खालसा जी दास के स्मारक परिसर में अरदास के साथ शुरू होगा। इसके तहत प्री-प्राइमरी में 10 प्रतिशत, प्राइमरी में 5 प्रतिशत और सेकेंडरी में 5 प्रतिशत दाखिले में वृद्धि का लक्ष्य सरकार द्वारा लगातार निर्धारित किया गया है। नए नियमों के मुताबिक 3 साल तक का बच्चा नर्सरी में, 4 साल तक का बच्चा एल.के.जी में. , 5 साल का बच्चा में यू. के.जी. और 6 साल का बच्चा पहली कक्षा में दाखिला ले सकेगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय, ब्लॉक स्तरीय, केंद्र स्तरीय और स्कूल स्तरीय समितियों का भी गठन किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि प्रारंभिक और माध्यमिक विंग के लिए अलग-अलग समितियां बनाई जाएंगी।