केन्द्र से मिलने वाली ग्रांट इन एड में आई कमी से पंजाब चिंतित

punjabkesari.in Wednesday, Aug 07, 2019 - 10:10 AM (IST)

जालंधर(धवन): केन्द्र से मिलने वाली ग्रांट इन एड में आई कमी से पंजाब सरकार चितित है तथा इस मामले को केन्द्र सरकार के सामने उठाने के निर्देश मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को दिए गए हैं। सरकारी हलकों से पता चला है कि देश में चल रही आॢथक मंदी का असर भी पंजाब के राजस्व पर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। 2019-20 के बजट अनुमानों को ध्यान में रखते हुए राज्य की आमदनी में मात्र 11.67 प्रतिशत की बढ़ौतरी दर्ज की गई है। 

वित्त विभाग का मानना है कि हर वित्तीय वर्ष में पहली तिमाही में राजस्व वसूली हर वर्ष ही प्रभावित होती है तथा उसके बाद आमदनी में बढ़ौतरी का कार्य शुरू हो जाता है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि 2018-19 में करों से राजस्व में 16.24 प्रतिशत बढ़ौतरी हुई थी तो 2019-20 में यह बढ़ौतरी 16.80 प्रतिशत रही है। इसी तरह से कुल प्राप्तियों में अंतर देखा गया है। 2018-19 में यह 15.91 प्रतिशत थी जबकि 2019-20 में यह 11.67 प्रतिशत हो गई है। इसी तरह से अगर राजस्व व्यय की बात की जाए तो यह 2018-19 में 16.50 प्रतिशत था जबकि 2019-20 में यह 13.84 प्रतिशत रहा। 

केन्द्र से विभिन्न स्कीमों को लेकर आने वाली ग्रांट इन एड में कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने जहां स्वयं इस मामले को केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात के दौरान उठाने का फैसला किया है, वहीं पर दूसरी ओर उन्होंने वित्त मंत्री मनप्रीत बादल से कहा है कि वह इस मामले को केन्द्रीय स्तर पर उठाएं ताकि पंजाब के हित प्रभावित न हो सकें।

पंजाब में गैर-कर राजस्व का लक्ष्य 9476 करोड़ रखा
पंजाब में सरकार ने गैर-करों से प्राप्त होने वाले राजस्व का लक्ष्य 9476 करोड़ रुपए रखा है। इसी तरह से करों से प्राप्त होने वाले राजस्व में जी.एस.टी., स्टाम व रजिस्ट्रेशन ड्यूटी, लैंड रैवेन्यू, सेल टैक्स व एक्साइज आदि आते हैं। यह 16.80 प्रतिशत रही, जबकि गत वर्ष 16.24 प्रतिशत थी। गैर-टैक्स राजस्व जैसे विभिन्न सेवाएं देने के बदले प्राप्त होने वाले करों में कमी देखी गई है इसलिए सरकार ने अब अपने सभी विभागों के अध्यक्षों को कहा है कि वह राजस्व एकत्रित करने की तरफ जोर-शोर से ध्यान दें।

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